
भागलपुर/नाथनगर: नाथनगर प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय, मथुरापुर में सोमवार को टिफिन के दौरान एक छठी कक्षा के छात्र द्वारा लाए गए आम पकाने वाले गैस (कार्बेट) से हुए धमाके में प्राथमिक कक्षा का एक छात्र गंभीर रूप से झुलस गया। यह हादसा स्कूल में सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक सतर्कता पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
कैसे हुआ हादसा?
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, टिफिन के समय एक छात्र अपने बैग में कार्बेट गैस लेकर आया था, जिसका उपयोग आम पकाने में किया जाता है। उसने गैस में पानी मिलाकर माचिस की तीली लगा दी, जिससे तेज धमाके जैसी आवाज हुई। गैस की गर्मी और धुएं से पास में खड़े प्रथम कक्षा के छात्र का चेहरा झुलस गया, और उसकी दाहिनी आंख के पास गहरी चोट आ गई।
स्कूल प्रशासन की लापरवाही
घटना के बाद झुलसे छात्र को प्रधानाध्यापक राधे दास के पास ले जाया गया, लेकिन न तो उसे प्राथमिक उपचार दिया गया और न ही किसी स्वास्थ्य केंद्र ले जाने की व्यवस्था की गई। इसके बजाय परिजनों को सूचना देकर बच्चे को मामा के साथ घर भेज दिया गया।
छात्र के मामा ने बताया कि जब वे शिकायत लेकर स्कूल पहुंचे, तो प्रधानाध्यापक ने साफ़ कहा –
“मैं इसका क्या करूं, आप इसे अपने घर ले जाइए।”
इलाज और प्रशासनिक चुप्पी
घायल छात्र का इलाज परिजन निजी स्तर पर करवा रहे हैं। घटना की कोई रिपोर्ट शिक्षा विभाग या स्वास्थ्य विभाग को नहीं दी गई है। न ही घायल छात्र को किसी सरकारी चिकित्सा केंद्र भेजा गया।
स्थानीय लोगों का गुस्सा और मांगें
इस घटना को लेकर अभिभावकों और ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है। उनका कहना है कि:
- स्कूल में बच्चों की सुरक्षा की समुचित व्यवस्था नहीं है।
- शिक्षक आपात स्थिति में उचित निर्णय लेने में असफल हो रहे हैं।
- स्कूल प्रशासन ने घटना को छिपाने का प्रयास किया।
ग्रामीणों और अभिभावकों ने जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं प्रशासन से मांग की है कि:
- मामले की जांच कर प्रधानाध्यापक पर कार्रवाई की जाए।
- स्कूलों में सुरक्षा मानकों की समीक्षा हो।
- बच्चों को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराया जाए।
प्रधानाध्यापक का बयान
प्रधानाध्यापक राधे दास ने स्वीकार किया कि:
“एक बच्चे के द्वारा यह घटना हुई है। घायल छात्र के परिजन उसे इलाज के लिए ले गए हैं। जिसने यह किया, उसका पता लगाया जा रहा है।”