
भागलपुर: गंगा के उफान ने भागलपुर में आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। बाढ़ के चलते सैकड़ों परिवार बेघर हो चुके हैं, जिनमें से कई ने भागलपुर एयरपोर्ट मैदान में तंबू लगाकर अस्थायी शरण ली थी। लेकिन अब राष्ट्रपति के प्रस्तावित दौरे के कारण इन पीड़ितों को वहां से हटाया जा रहा है।
प्रशासन का कहना है कि राष्ट्रपति का विशेष विमान एयरपोर्ट मैदान में लैंड करेगा, जिसके चलते सुरक्षा कारणों से मैदान को पूरी तरह खाली कराना जरूरी हो गया है। इसी क्रम में सदर अनुमंडल पदाधिकारी विकास कुमार गुरुवार को दल-बल के साथ स्थल पर पहुंचे और बाढ़ पीड़ितों को हटाने की कार्रवाई शुरू की।
विकास कुमार, सदर अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा:
“बाढ़ पीड़ितों के लिए वैकल्पिक स्थान चिन्हित किया गया है। वहां सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।”
लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही कहानी कह रही है। खुले आसमान के नीचे मिट्टी पर पड़ा एक बच्चा, न छत है, न चादर, न खाना—यह दृश्य मानो प्रशासनिक तैयारी की पोल खोल रहा है। बगल में बैठी एक महिला अपने मवेशी को कसकर पकड़े बैठी है। उसकी आंखों में डर है—अगर जानवर भी चले गए, तो उसके पास बचने को कुछ नहीं रहेगा।
बाढ़ पीड़ितों का कहना है:
“हम तब तक टेंट नहीं हटाएंगे जब तक कोई सुरक्षित और व्यवस्थित ठिकाना नहीं दिया जाता। अभी हमें सिर्फ हटाया जा रहा है, लेकिन ठहरने का कोई स्पष्ट इंतजाम नहीं है।”
बाढ़ की वजह से कई गांव अब भी जलमग्न हैं। सड़कें टूटी हुई हैं और राहत कार्य भी सीमित संसाधनों में चल रहा है। इस बीच राष्ट्रपति के दौरे से पहले की जा रही यह कार्रवाई बाढ़ पीड़ितों के लिए नई मुसीबत बनकर सामने आई है।
प्रशासन के अनुसार वैकल्पिक शिविर स्थल पर पानी, बिजली, शौचालय और भोजन की व्यवस्था की जाएगी, लेकिन फिलहाल कई पीड़ितों को इस पर भरोसा नहीं है।