
दियारा क्षेत्र के बाढ़ पीड़ितों ने टिल्हा कोठी में लगाया तंबू, प्रशासन पर लगाए राहत में लापरवाही के आरोप
भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (TMBU) परिसर में मंगलवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब दिलदारपुर और शंकरपुर दियारा क्षेत्र से आए बाढ़ पीड़ितों ने जबरन विश्वविद्यालय के उत्तरी गेट का ताला तोड़कर कैंपस में प्रवेश कर लिया।
प्रशासन द्वारा पहले से सुरक्षा का हवाला देते हुए परिसर के कई गेटों पर ताले लगाए गए थे ताकि बाहरी लोगों की एंट्री रोकी जा सके। लेकिन मंगलवार की सुबह करीब 11 बजे बड़ी संख्या में बाढ़ प्रभावित ग्रामीण विश्वविद्यालय पहुंचे और गेट का ताला तोड़ते हुए परिसर में घुस गए। ग्रामीण अपने साथ घरेलू सामान, प्लास्टिक की चादरें, और खाने-पीने का जरूरी सामान लेकर पहुंचे थे। वे टिल्हा कोठी समेत अन्य सुरक्षित स्थलों पर तंबू लगाकर रुकने लगे।
घटना के समय सदर अनुमंडल पदाधिकारी (SDO) विकास कुमार और नाथनगर अंचलाधिकारी भी निरीक्षण के लिए वहां पहुंचे थे और प्रशासन की मौजूदगी में ही बाढ़ पीड़ितों ने परिसर में प्रवेश किया।
बाढ़ पीड़ितों का आरोप है कि दियारा क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति अत्यंत भयावह है और अब तक प्रशासन ने उनके लिए किसी प्रकार की राहत शिविर या व्यवस्था नहीं की है। मजबूरीवश उन्हें विश्वविद्यालय परिसर में शरण लेनी पड़ी है।
वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि परिसर में बाहरी लोगों का प्रवेश सुरक्षा कारणों से प्रतिबंधित है। वर्तमान स्थिति को लेकर जिला प्रशासन और विश्वविद्यालय प्रबंधन के बीच समन्वय की प्रक्रिया जारी है।
प्रशासन की अपील
प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि बाढ़ पीड़ितों के लिए वैकल्पिक सुरक्षित स्थानों की पहचान की जा रही है और जल्द ही उनके रहने व खाने की समुचित व्यवस्था की जाएगी। वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी छात्रों की सुरक्षा और परिसर की गरिमा बनाए रखने के लिए सहयोग की अपील की है।