
भागलपुर: जिले में बाढ़ प्रभावित परिवारों की मदद के लिए जिला प्रशासन पूरी मुस्तैदी से राहत कार्य चला रहा है। छह प्रखंड—नारायणपुर, रंगरा चौक, सुल्तानगंज, शाहकुंड, नाथनगर और सबौर—गंभीर रूप से बाढ़ से प्रभावित हैं, जबकि जगदीशपुर, कहलगांव और पीरपैंती में आंशिक असर देखा जा रहा है। इन सभी क्षेत्रों में 141 सामुदायिक किचन संचालित हो रहे हैं, जिनमें नाथनगर में 38, सुल्तानगंज में 34, सबौर में 25, शाहकुंड में 20, रंगरा चौक व इस्माइलपुर में 6-6, तथा जगदीशपुर, कहलगांव और पीरपैंती में 2-2 किचन शामिल हैं।
इन सामुदायिक किचनों में प्रतिदिन हजारों लोगों को निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। केवल सोमवार को सुबह 94,324 और शाम में 1,30,328 लोगों को भोजन दिया गया। अब तक कुल 3,13,618 बाढ़ पीड़ित राहत केंद्रों पर भोजन प्राप्त कर चुके हैं।
बाढ़ प्रभावित इलाकों में आवाजाही के लिए प्रशासन ने 69 नावें लगाई हैं। वहीं, 6,325 परिवारों को पॉलिथीन शीट का वितरण किया गया है, ताकि वे अस्थायी आश्रय बना सकें। बचाव कार्य में अब तक 8,252 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इसके लिए नवगछिया में 2, सबौर और कहलगांव में 1-1 एनडीआरएफ टीम, तथा सुल्तानगंज में 2, नाथनगर में 2 और शाहकुंड में 1 एसडीआरएफ टीम तैनात की गई है।
राहत शिविरों में अस्थायी शौचालय, चिकित्सा शिविर, पेयजल टैंकर, चापाकल, पशु चारा, पशु चिकित्सा शिविर, सफाई और प्रकाश की व्यवस्था की गई है। प्रत्येक शिविर के लिए नोडल पदाधिकारी नियुक्त किए गए हैं, जो वहां की जरूरतों और व्यवस्थाओं पर लगातार निगरानी रख रहे हैं।
तटबंधों की सुरक्षा के लिए बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल नवगछिया और भागलपुर लगातार बाढ़-निरोधात्मक कार्य कर रहा है। साथ ही, जिले के तीनों अनुमंडल में ग्रामीण कार्य विभाग अपनी-अपनी सड़कों की निगरानी कर रहा है, ताकि यातायात बाधित न हो।
जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी स्वयं सुबह और शाम बाढ़ की स्थिति की समीक्षा और राहत कार्यों का अनुश्रवण कर रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किसी भी तरह की कमी या लापरवाही न हो और हर जरूरतमंद तक तुरंत सहायता पहुंचे।
संयुक्त निदेशक, जन संपर्क, भागलपुर