
Bhagalpur News: जम्मू में देश की सेवा करते हुए शहीद हुए बिहार के लाल संतोष यादव को आज उनके पैतृक गांव इस्माइलपुर में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। गांव की गलियां “संतोष यादव अमर रहें” के नारों से गूंज उठीं। हर आंख नम थी, हर चेहरा भावुक, और हर हाथ में तिरंगा था—शहीद को अंतिम सलाम देने सैकड़ों ग्रामीण उमड़ पड़े।
शहीद संतोष यादव के अंतिम दर्शन के लिए बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक उमड़े। घर का माहौल बेहद मार्मिक था। पत्नी बार-बार यही कह रही थीं, “अगर पानी भी पिऊंगी तो अपने पति के हाथों से ही।” बताया जा रहा है कि कुछ ही दिन पहले संतोष ने पत्नी से वट सावित्री पूजा के लिए नई साड़ी दिलाने का वादा किया था, लेकिन अब वह खुद अमरत्व को प्राप्त हो गए।
शहीद की अंत्येष्टि उनके खेत पर की गई, जहां छोटे बेटे ने उन्हें मुखाग्नि दी। पूरे सम्मान के साथ सैन्य सलामी दी गई। जिला प्रशासन ने टेंट, सुरक्षा व्यवस्था और भीड़ प्रबंधन की पूरी जिम्मेदारी संभाली।
इस मौके पर गोपालपुर विधायक गोपाल मंडल और बिहपुर विधायक इंजीनियर शैलेंद्र गांव पहुंचे और शहीद के परिजनों से मुलाकात कर सांत्वना दी। दोनों जनप्रतिनिधियों ने कहा कि संतोष यादव की शहादत पर पूरे बिहार को गर्व है, और सरकार उनके परिवार के साथ हर कदम पर खड़ी है। शहीद संतोष यादव के बलिदान को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। वे अपने परिवार के ही नहीं, पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत बन गए हैं।