
पटना: बिहार की सांस्कृतिक धरोहर को नई पहचान दिलाने और कला प्रेमियों को आधुनिक दृष्टिकोण से जोड़ने के उद्देश्य से पासपोर्ट सेवा केंद्र, पटना में 25 अगस्त से 25 सितंबर 2025 तक समकालीन कला चित्रों की प्रदर्शनी आयोजित की जा रही है। इस प्रदर्शनी का आयोजन भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद, क्षेत्रीय कार्यालय, पटना और विदेश मंत्रालय के सहयोग से किया जा रहा है।
इस विशेष प्रदर्शनी में बिहार के 15 निपुण चित्रकारों की कलाकृतियाँ (पेंटिंग्स) प्रदर्शित की जाएंगी। प्रदर्शनी का विषय रखा गया है – “कल्पना की सुगबुगाहट: समकालीन कला में विविधता का प्रदर्शन”।
प्रदर्शनी का उद्घाटन और उद्देश्य
प्रदर्शनी का उद्घाटन 25 अगस्त 2025 को शाम 5 बजे पासपोर्ट सेवा केंद्र, पाटलिपुत्र, पटना में किया जाएगा। यह प्रदर्शनी 25 सितंबर तक चलेगी। प्रतिदिन पासपोर्ट सेवा के लिए आने वाले लगभग 1500 आवेदकों को भी इन कलाकृतियों को देखने का अवसर मिलेगा।
अधिकारियों के अनुसार, यह प्रयास कला को केवल गैलरी तक सीमित रखने के बजाय आम जनता और उच्च वर्गों से हटाकर सीधे सार्वजनिक स्थानों तक ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इसका उद्देश्य लोगों में कला के प्रति रुचि और समझ बढ़ाना है।
क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी श्रीमती स्वधा रिज़वी ने कहा कि “यह प्रदर्शनी केवल पासपोर्ट आवेदकों के लिए नहीं है, बल्कि अन्य आगंतुक भी पूर्व अनुमति लेकर इस प्रदर्शनी का आनंद ले सकते हैं।”
विविध दृष्टिकोण और संदेश
यह प्रदर्शनी विभिन्न दृष्टिकोणों, माध्यमों और विषयों का एक संगम है। इसमें कलाकार अपनी कृतियों के माध्यम से बदलती दुनिया, स्मृतियों, रिश्तों और मानवीय संवेदनाओं को गहराई से प्रस्तुत करेंगे। प्रत्येक चित्रकार अपनी अलग दृष्टि के साथ कला को जीवंत संवाद का रूप देंगे, जिससे दर्शक नए विचार और संभावनाओं की कल्पना कर सकें।
समकालीन कला की यह प्रस्तुति सामाजिक रचनात्मकता और सामूहिक सहभागिता का प्रतीक मानी जा रही है। यह प्रदर्शनी कला प्रेमियों, शोधार्थियों और युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बनने वाली है।