
भागलपुर: श्रावण मास की अंतिम सोमवारी पर जहां लाखों श्रद्धालु भागलपुर के गंगा घाटों से जल लेकर बाबा बासुकीनाथ धाम की ओर रवाना हुए, वहीं नगर निगम की लचर व्यवस्था ने उनकी आस्था की परीक्षा भी ले ली। तेज बारिश के बीच भी शिवभक्तों का उत्साह और हौसला अडिग रहा, लेकिन उन्हें जिस दुर्व्यवस्था का सामना करना पड़ा, उसने नगर निगम की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए।
बारिश के चलते शहर की कई मुख्य सड़कों पर जलजमाव और नालियों का गंदा पानी भर गया। कांवड़ियों को इसी गंदे पानी और कीचड़ से होकर गुजरना पड़ा। कई जगहों पर नालों का पानी सड़क पर बहता रहा, जिससे श्रद्धालुओं को संक्रमण और चोट लगने जैसे जोखिमों का सामना करना पड़ा।
श्रद्धा में लीन कांवड़िए गंदे नाले में डूबते-उतराते, कीचड़ से सने रास्तों पर चलते रहे, लेकिन बाबा की भक्ति से पीछे नहीं हटे। यह नजारा जहां श्रद्धा की गहराई को दर्शाता है, वहीं प्रशासन की नाकामी भी स्पष्ट रूप से उजागर करता है।
स्थानीय लोगों और स्वयं सेवकों ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि, “प्रशासन सिर्फ श्रावणी मेले की दिखावटी तैयारियों में व्यस्त रहता है, जबकि ज़मीनी हकीकत हर साल एक जैसी ही रहती है।” कई श्रद्धालुओं ने यह भी कहा कि नगर निगम की अनदेखी से हर बार यात्रा में कष्ट उठाना पड़ता है, लेकिन सुनवाई नहीं होती।
भागलपुर जैसे ऐतिहासिक और धार्मिक नगर में हर वर्ष लाखों श्रद्धालु आते हैं, इसके बावजूद सड़क, सफाई और जल निकासी जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव न केवल शहर की छवि खराब करता है, बल्कि श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा को भी खतरे में डालता है।