
Railway News: पूर्व रेलवे ने बिना किसी वैध कारण के ट्रेन में अलार्म चेन खींचने (ACP) की बढ़ती घटनाओं पर गहरी चिंता जताई है। यह गैर-जिम्मेदाराना हरकत न केवल ट्रेनों की समयबद्धता को प्रभावित करती है, बल्कि हजारों यात्रियों की यात्रा को भी बाधित करती है।
रेलवे के अनुसार, अप्रैल 2024 से अब तक कुल 2,196 ACP मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 1,882 मामले वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान सामने आए। चालू वित्तीय वर्ष (1 अप्रैल से 25 मई 2025) में अब तक 314 नए मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जो इस समस्या की निरंतरता को दर्शाता है। इसके अलावा, 1 जनवरी से 10 मार्च 2025 के बीच 872 मामले दर्ज हुए हैं।
पूर्व रेलवे के आंकड़े बताते हैं कि इस दुरुपयोग की वजह से:
- 785 मेल/एक्सप्रेस ट्रेनें और 105 पैसेंजर ट्रेनें 2024-25 में देरी से चलीं।
- 1 अप्रैल से 25 मई 2025 के बीच 114 मेल/एक्सप्रेस और 14 पैसेंजर ट्रेनें प्रभावित हुईं।
यह देरी सिर्फ समय की बर्बादी नहीं है, बल्कि कई यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण अपॉइंटमेंट, नौकरी के इंटरव्यू या प्रतियोगी परीक्षाएं छूटने जैसी गंभीर समस्याएं पैदा कर सकती है।
रेलवे ने दोहराया कि अलार्म चेन का प्रयोग केवल आपातकालीन स्थितियों — जैसे गंभीर स्वास्थ्य संकट या सुरक्षा खतरे — में किया जाना चाहिए। परंतु कई यात्री निजी या तुच्छ कारणों से इसका दुरुपयोग कर रहे हैं, जैसे किसी रिश्तेदार का इंतजार करना या गैर-निर्धारित स्टेशन पर उतरने की कोशिश करना।
पूर्व रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि वे जिम्मेदारी से व्यवहार करें और इस सुरक्षा उपकरण का दुरुपयोग न करें। भारतीय रेलवे अधिनियम के तहत ऐसे मामलों को दंडनीय अपराध माना गया है और रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ऐसे दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई कर रहा है।
रेलवे ने यह भी अनुरोध किया है कि यात्री दूसरों को भी इस तरह की हरकत करने से रोकें और किसी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना दें। इस समस्या से निपटने के लिए सामूहिक जागरूकता और जन सहयोग अत्यंत आवश्यक है।