
भागलपुर: भागलपुर में एक बड़े वित्तीय विवाद ने कारोबारी जगत और बैंकिंग सेक्टर का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। डेब्ट्स रिकवरी ट्रिब्यूनल (DRT) पटना ने अनुभव ट्रेडिंग, भागलपुर और इसके संबंधित पक्षों को समन जारी किया है। मामला बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा दायर किया गया है, जिसमें करीब 8 करोड़ 53 लाख रुपये की वसूली की मांग की गई है।
बैंक ऑफ बड़ौदा का आरोप है कि अनुभव ट्रेडिंग के प्रोपराइटर दिलीप जायसवाल ने बैंक से लोन लिया था, जिसे निर्धारित समय सीमा में पूरा चुकता नहीं किया गया। बैंक का कहना है कि बकाया राशि की वसूली के लिए नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है और इसी क्रम में दिलीप जायसवाल के आवास पर पोजीशन नोटिस लगाने की प्रक्रिया शुरू की गई।
हालांकि, इस कार्रवाई ने विवाद का रूप ले लिया। दिलीप जायसवाल का कहना है कि यह मामला पहले से कोर्ट में विचाराधीन है, इसलिए पोजीशन नोटिस लगाना उचित नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि वे हर महीने लोन का ब्याज बैंक में जमा कर रहे हैं और बैंक की यह कार्रवाई उन्हें अनावश्यक रूप से परेशान करने जैसी है।
घटना की सूचना मिलने पर बरारी थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों के बीच स्थिति को शांत किया। पुलिस ने दोनों को थाने में आकर अपना-अपना पक्ष रखने की सलाह दी।
स्थानीय व्यापारियों और वित्तीय जानकारों के अनुसार, इस तरह के मामलों में बैंक और उधारकर्ता के बीच समझौते का रास्ता निकालना जरूरी है, ताकि अनावश्यक विवाद और कानूनी लड़ाई से बचा जा सके। फिलहाल, ट्रिब्यूनल की अगली सुनवाई पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं, जो इस विवाद का अगला अध्याय तय करेगी।
इस घटना ने बैंकिंग प्रक्रियाओं, वसूली के तरीकों और कारोबारी जगत में विश्वास के मुद्दे को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। शहर के व्यापारिक समुदाय में चर्चा है कि अगर ऐसे विवाद पारदर्शिता और संवाद के जरिए न सुलझाए गए तो यह कारोबार के माहौल को प्रभावित कर सकते हैं।