
भागलपुर, 13 सितम्बर: डायल 112 में कार्यरत चालक शनिवार से अपनी प्रमुख मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। हड़ताल का मुख्य केंद्र भागलपुर कमांड एंड कंट्रोल रूम कार्यालय रहा, जहां चालकों ने जोरदार नारेबाजी करते हुए अपनी स्थिति स्पष्ट की।
हड़ताल पर गए चालकों का कहना है कि डायल 112 में काम करने वाले अधिकांश चालक पूर्व सैनिक हैं, जिन्होंने सेवा में समर्पण और कठिन परिस्थितियों का सामना किया है। उनका मुख्य मुद्दा यह है कि समान काम के लिए समान वेतन दिया जाए और उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा प्रदान किया जाए। चालकों ने साफ किया कि जब तक उनकी ये मांगें पूरी नहीं होतीं, उनका आंदोलन जारी रहेगा।
इस हड़ताल का असर डायल 112 की आपातकालीन सेवाओं पर पड़ने की संभावना है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि हड़ताल लंबी होती है, तो तत्काल चिकित्सा, अग्निशमन और अन्य आपातकालीन सेवाओं में व्यवधान आ सकता है। प्रशासन ने फिलहाल स्थिति को नियंत्रित करने और चालकों से वार्ता के लिए पहल शुरू कर दी है।
चालकों का यह आंदोलन न केवल उनके व्यक्तिगत अधिकारों की मांग है, बल्कि पूरे सेवा ढांचे में समानता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने का प्रयास भी है। उन्होंने बताया कि अब तक उन्होंने कई बार अपनी बात अधिकारियों के सामने रखी है, लेकिन उनकी मांगों का समाधान नहीं किया गया।
स्थानीय नागरिकों और नियमित डायल 112 उपयोगकर्ताओं में भी हड़ताल को लेकर चिंता है। प्रशासन ने लोगों से धैर्य बनाए रखने और आपातकालीन स्थिति में वैकल्पिक उपाय अपनाने की सलाह दी है। इसके साथ ही उन्होंने चालकों से बातचीत के जरिए समस्या का समाधान निकालने का भरोसा दिया।
विशेषज्ञों का मानना है कि कर्मचारियों की मांगें जायज हैं और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। सरकार और प्रशासन के लिए चुनौती यह है कि जल्द से जल्द समाधान निकालकर आपातकालीन सेवाओं की सुचारु कार्यप्रणाली सुनिश्चित की जाए।
डायल 112 चालकों का संदेश स्पष्ट है – समान काम के लिए समान वेतन और राज्यकर्मी दर्जा अनिवार्य है, और इसके बिना उनका आंदोलन रुकने वाला नहीं है।