
पटना: राजधानी पटना के होटल चाणक्य में बुधवार को बिहार कौशल विकास मिशन (बीएसडीएम) और यूनिसेफ़ के संयुक्त तत्वावधान में “स्वच्छ जीवन, सुरक्षित भविष्य” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यक्रम में श्रम संसाधन विभाग के सचिव-सह-बीएसडीएम के सीईओ दीपक आनंद ने कहा कि बिहार सरकार ने सात निश्चय, जल-जीवन-हरियाली, हर घर नल का जल और स्वच्छ भारत मिशन जैसे अभियानों से जल और स्वच्छता के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पानी और सफाई की स्थिति में सुधार न केवल स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है बल्कि आर्थिक अवसर, महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने में भी अहम भूमिका निभाता है।
दीपक आनंद ने कहा कि जल और स्वच्छता क्षेत्र में व्यावसायिक कौशल विकास रोजगार और हरित आजीविका के नए रास्ते खोल रहा है। बीएसडीएम युवाओं, विशेषकर ग्रामीण महिलाओं और लड़कियों को प्रशिक्षण देने के लिए विशेष कार्यक्रम चला रहा है।
कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। इसमें विशेष सचिव आलोक कुमार, श्रमायुक्त-सह-एसीईओ राजेश भारती, यूनिसेफ़ बिहार की मुख्य क्षेत्रीय अधिकारी मार्गरेट ग्वाडा और सीआईएमपी के निदेशक डॉ. राणा सिंह शामिल रहे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से छिंदवाड़ा जिला पंचायत (मध्यप्रदेश) के सीईओ अग्रिम कुमार भी जुड़े और उन्होंने “वाश ऑन व्हील” अभियान की जानकारी साझा की।
यूनिसेफ़ की मार्गरेट ग्वाडा ने कहा कि बिहार की सबसे बड़ी ताकत इसकी युवा आबादी है। यदि इन्हें जल, स्वच्छता और हाइजिन से जुड़े कौशल में प्रशिक्षित किया जाए तो बिहार पूरे देश में एक आदर्श मॉडल बन सकता है।
कार्यशाला में पीएचईडी, ग्रामीण विकास, समाज कल्याण, लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान, जीविका और अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। पैनल चर्चा में विशेषज्ञों ने कहा कि प्रशिक्षित पेशेवरों का एक मजबूत कैडर जल, स्वच्छता और स्वास्थ्य प्रणालियों की स्थिरता के लिए आवश्यक है। इसमें तकनीकी दक्षताओं जैसे प्लंबिंग, राजमिस्त्री, विद्युत कार्य और सफाई सेवाओं के साथ-साथ प्रबंधकीय कौशल का होना भी अनिवार्य है, ताकि अवसंरचना का निर्माण और रखरखाव बेहतर तरीके से हो सके।
वक्ताओं ने कहा कि कौशल विकास को रोजगार से जोड़ना जरूरी है ताकि प्रशिक्षित युवा केवल सीखने तक सीमित न रहें, बल्कि उन्हें स्थायी रोजगार और आर्थिक सशक्तिकरण भी मिल सके। इस दिशा में उद्योग विभाग, बीएसडीएम और निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी अहम है।
कार्यक्रम का समापन बिहार कौशल विकास मिशन के मिशन निदेशक मनीष शंकर द्वारा धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।