
भागलपुर के पीरपैंती थाना क्षेत्र के चर्चित अपहरण कांड संख्या 229/25 में अब एक नया मोड़ सामने आया है। अपहरण की दर्ज प्राथमिकी के पीछे की परतें जब खुलनी शुरू हुईं, तो यह मामला महज अपहरण नहीं बल्कि पुराने ज़मीन विवाद की ओर इशारा करता नजर आया। पूरे प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए सिटी एसपी शुभांक मिश्रा ने बुधवार को स्वयं पीरपैंती पहुंचकर मामले की गहराई से जांच की।
सूचक पक्ष से विस्तृत बयान
सिटी एसपी ने सबसे पहले पीरपैंती एसडीपीओ कार्यालय में सूचक सुदीप कुमार सिंह से मुलाकात कर उनका विस्तृत बयान दर्ज किया। पूछताछ के दौरान एसडीपीओ अर्जुन गुप्ता, केस के जांच पदाधिकारी अविनाश राय, और पहले घटनास्थल पर पहुंचे पुलिस अधिकारी आरएन सिंह भी मौजूद रहे। एसपी ने सुदीप की मां और पत्नी से भी अलग से बातचीत की और घटना की जानकारी ली।
आरोपी पक्ष से भी हुई पूछताछ
बाद में सिटी एसपी उस घर पहुंचे जहां मिलन सिंह, जिन पर अपहरण का आरोप है, रहते हैं। हालांकि मिलन सिंह घर पर नहीं मिले, लेकिन एसपी ने उनकी पत्नी, बेटी और बेटे से पूछताछ की। उन्होंने परिवार को निर्देश दिया कि वे घटना से जुड़े सभी तथ्यों को लिखित रूप में कार्यालय में प्रस्तुत करें।
क्या है विवाद की जड़?
पूरे मामले में एक बड़ी बात सामने आ रही है कि सुदीप सिंह और मिलन सिंह के बीच पहले से ही ज़मीन का विवाद चला आ रहा था। सुदीप सिंह का आरोप है कि मिलन सिंह और उनके परिजनों ने उन्हें जबरन घर ले जाकर बंधक बना लिया था। उन्होंने बताया कि उसी दौरान उनकी पत्नी का कॉल आया, जिसे सुनकर उन्होंने घटना की जानकारी दी। इसके बाद उनकी पत्नी ने पुलिस को अपहरण की सूचना दी।
वहीं दूसरी ओर, मिलन सिंह की पत्नी का दावा है कि दोनों भाई थाने में ज़मीन विवाद सुलझाने पहुंचे थे और वहां से बातचीत कर आपसी सहमति से घर लौटे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बाद में पुलिस ने उनके घर पहुंचकर मारपीट की।
एसपी का बयान: सभी पहलुओं की हो रही जांच
सिटी एसपी शुभांक मिश्रा ने कहा कि मामले की सभी एंगल से जांच की जा रही है। दोनों पक्षों से प्राप्त बयान, साक्ष्य और जमीन विवाद की पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए तथ्यों का मिलान किया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि –
“अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि यह मामला असल में अपहरण का है या पारिवारिक विवाद का हिस्सा। जांच पूरी होने के बाद ही सच्चाई सामने लाई जाएगी।”