
Bhagalpur News: भागलपुर में गुरुवार को बिहार बंद की कवरेज के दौरान प्रेस क्लब भागलपुर के कार्यकारी सदस्य एवं निर्भीक पत्रकार कांतेश पर कुछ असामाजिक तत्वों और एनडीए समर्थक कार्यकर्ताओं ने हमला बोल दिया। न केवल उन्हें गालियां दी गईं, बल्कि धक्का-मुक्की और हाथापाई करते हुए उनका चश्मा तक तोड़ दिया गया। यह सिर्फ एक पत्रकार पर हमला नहीं, बल्कि लोकतंत्र और पत्रकारिता की आत्मा को कुचलने का दुस्साहस है।
प्रेस क्लब भागलपुर ने इस नृशंस घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे लोकतंत्र पर सीधा प्रहार बताया है। प्रेस क्लब ने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है कि यदि दोषियों पर त्वरित और कठोर कार्रवाई नहीं हुई, तो पत्रकार बिरादरी आंदोलन की राह पर उतरने से पीछे नहीं हटेगी। प्रेस क्लब ने प्रशासन को आगाह किया है कि पत्रकारों की सुरक्षा और सम्मान से समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पत्रकार समाज की आवाज जनता की आवाज होती है। यदि पत्रकारों को डराकर, धमकाकर या पीटकर चुप कराने की कोशिश होगी तो यह सीधे-सीधे आम जनता की अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला है। प्रेस क्लब का कहना है कि कांतेश पर हमला सिर्फ एक व्यक्ति पर हमला नहीं, बल्कि पूरी पत्रकारिता को दबाने की साजिश है।
भागलपुर प्रेस क्लब ने साफ कहा है कि लोकतंत्र चौथे स्तंभ पर खड़ा है और अगर पत्रकार असुरक्षित रहेंगे तो लोकतंत्र का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा। ऐसे कायराना कृत्यों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोषियों को हर हाल में सजा दिलाई जाएगी और यदि प्रशासन ने ढिलाई दिखाई तो पत्रकार बिरादरी निर्णायक संघर्ष छेड़ेगी।
यह घटना इस बात का प्रमाण है कि लोकतंत्र तभी सुरक्षित रह सकता है जब पत्रकार स्वतंत्र और निर्भीक होकर सच लिख और बोल सकें। प्रेस क्लब ने इस मामले में समाज के हर वर्ग और संगठनों से अपील की है कि वे इस लड़ाई में पत्रकारों के साथ खड़े हों।
— प्रेस क्लब, भागलपुर