
भागलपुर: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं में गुस्से की लहर दौड़ गई है। इसी क्रम में कहलगांव विधानसभा के भावी उम्मीदवार एवं कांग्रेस नेता प्रवीण सिंह कुशवाहा ने राहुल गांधी की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की है और इस घटना को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया है।
प्रवीण सिंह कुशवाहा ने अपने बयान में कहा कि भाजपा और चुनाव आयोग मनमानी पर उतर आए हैं। राहुल गांधी की लड़ाई किसी राजनीतिक पद या व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं थी, बल्कि यह आम जनता के एक-एक वोट के हक और संविधान बचाने की लड़ाई थी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी हमेशा से निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव की पक्षधर रही है।
कुशवाहा ने बताया कि कांग्रेस की ओर से चुनाव आयोग को शांतिपूर्ण मार्च की लिखित सूचना दी गई थी, लेकिन इसके बावजूद प्रशासन और चुनाव आयोग की कार्रवाई लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरीत रही। उन्होंने इस घटना को सरकार और चुनाव आयोग की “दादागीरी” करार देते हुए इसे शर्मनाक बताया।
अपने बयान में उन्होंने कहा, “हमारे नेता केवल जनता की आवाज़ को बुलंद कर रहे थे। संविधान की रक्षा और लोकतंत्र की मर्यादा बनाए रखने के लिए यह लड़ाई जारी रहेगी। लेकिन सरकार और चुनाव आयोग द्वारा की जा रही दमनकारी कार्रवाई लोकतंत्र पर सीधा हमला है।”
प्रवीण सिंह कुशवाहा ने आम जनता से अपील की कि वे इस लड़ाई में कांग्रेस का साथ दें और एक वोट की ताकत और संविधान की रक्षा के लिए सड़क से संसद तक संघर्ष में शामिल हों। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई केवल कांग्रेस की नहीं, बल्कि हर उस नागरिक की है जो लोकतंत्र और संविधान में विश्वास रखता है।
अंत में, कुशवाहा ने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि चुनाव आयोग अब “चोर आयोग” बन गया है, जो निष्पक्षता की जगह सत्ता के दबाव में काम कर रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इस तरह की दमनकारी नीतियां जारी रहीं, तो देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था खतरे में पड़ जाएगी।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि आने वाले दिनों में इस मुद्दे को लेकर पूरे प्रदेश में आंदोलन तेज किया जाएगा और जनता के बीच जाकर सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज़ उठाई जाएगी।