
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद में आयोजित हिन्दी सेवी सम्मान पुरस्कार (2023-24) वितरण समारोह का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। यह आयोजन मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग (राजभाषा) के तत्वावधान में किया गया।
मुख्यमंत्री ने विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि हिन्दी साहित्यकारों और संस्थाओं का योगदान समाज को नई दिशा देता है। उन्होंने उनके उज्ज्वल भविष्य और स्वस्थ जीवन की कामना की।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने हिन्दी भाषा और साहित्य की समृद्धि, सामाजिक समरसता तथा क्षेत्रीय संस्कृति के संरक्षण में योगदान देने वाले 12 साहित्यकारों और संस्थाओं को सम्मानित किया। कुल 15 श्रेणियों में पुरस्कार चयन हुआ, जिनमें से 12 विजेताओं को समारोह में सम्मान प्रदान किया गया।
सम्मानित साहित्यकार एवं पुरस्कार:
- बाबा साहब अम्बेडकर पुरस्कार – अनुसूचित जाति-जनजाति शिक्षा एवं सामाजिक उत्थान हेतु श्री जियालाल आर्य (₹5 लाख)।
- बी.पी. मंडल पुरस्कार – सृजनात्मक लेखन हेतु डॉ. शिव नारायण (₹4 लाख)।
- नागार्जुन पुरस्कार – उपन्यास, कविता व आलोचना हेतु डॉ. महेन्द्र मधुकर (₹4 लाख)।
- फणीश्वरनाथ रेणु पुरस्कार – आंचलिक कथा लेखन हेतु श्री हृषीकेश सुलभ (₹4 लाख)।
- महादेवी वर्मा पुरस्कार – हिन्दी साहित्य योगदान हेतु श्रीमती वंदना राग (₹1 लाख)।
- बाबू गंगाशरण सिंह पुरस्कार – अहिन्दी भाषी क्षेत्र में हिन्दी प्रचार हेतु डॉ. के. श्रीनिवास राव (₹1 लाख)।
- विद्याकर कवि पुरस्कार – अहिन्दी क्षेत्र से हिन्दी सेवा हेतु भारतीय भाषा परिषद्, कोलकाता (₹1 लाख)।
- विद्यापति पुरस्कार – मिथिला संस्कृति पर कार्य हेतु स्मृति शेष कीर्तिनारायण मिश्र (प्रतिनिधि: अजय मिश्र, ₹1 लाख)।
- मोहन लाल महतो वियोगी पुरस्कार – मगध अंचल की संस्कृति हेतु डॉ. कृष्ण कुमार सिंह (₹1 लाख)।
- भिखारी ठाकुर पुरस्कार – भोजपुर अंचल की रचना हेतु श्रीराम तिवारी (₹1 लाख)।
- डॉ. ग्रियर्सन पुरस्कार – मैथिली भाषा योगदान हेतु डॉ. इन्द्रकांत झा (₹1 लाख)।
- डॉ. फादर कामिल बुल्के पुरस्कार – हिन्दी भाषा और साहित्य योगदान हेतु डॉ. श्रीभगवान सिंह (₹1 लाख)।
कार्यक्रम में बिहार विधान परिषद् के उपसभापति डॉ. रामवचन राय, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) उपेन्द्र प्रसाद सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे।