
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज 1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ से बाढ़ प्रभावित परिवारों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से राहत राशि भुगतान की शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने माउस क्लिक कर 12 जिलों के 6 लाख 51 हजार 602 प्रभावित परिवारों को 7000 रुपये प्रति परिवार की दर से कुल 456 करोड़ 12 लाख रुपये का भुगतान किया।
विकास आयुक्त सह आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि अगस्त माह में गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण भोजपुर, पटना, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, लखीसराय, मुंगेर, खगड़िया, भागलपुर और कटिहार जिले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। साथ ही नालंदा जिले के 4 प्रखंडों के 8 पंचायतों में भी बाढ़ की स्थिति बनी। कुल मिलाकर 12 जिलों के 66 प्रखंडों में लगभग 38 लाख की आबादी प्रभावित हुई है। अब तक 2.19 लाख पॉलीथीन शीट्स और 57 हजार 639 ड्राई राशन पैकेट वितरित किए जा चुके हैं। राज्य में 14 राहत शिविर संचालित हैं, जहां लगभग 15 हजार लोग रह रहे हैं। वहीं सामुदायिक रसोई केंद्रों में अब तक 85 लाख से अधिक लोग भोजन कर चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चलाया जा रहा है। उन्होंने याद दिलाया कि 13 अगस्त को उन्होंने समीक्षा बैठक की थी और 14 अगस्त को पटना, वैशाली, बेगूसराय और मुंगेर जिलों का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया था। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया था कि 20 अगस्त तक प्रभावित परिवारों को राहत राशि का भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने कहा, “मुझे खुशी है कि आज राहत राशि का वितरण हो गया है। लेकिन बाढ़ का समय अभी समाप्त नहीं हुआ है। सितंबर में भी बारिश और नदियों के जलस्तर में वृद्धि से स्थिति गंभीर हो सकती है। ऐसे में सभी अधिकारी पूरी संवेदनशीलता और सतर्कता के साथ लोगों की मदद करें। मेरा मानना है कि राज्य के खजाने पर आपदा पीड़ितों का पहला अधिकार है।”
कार्यक्रम में आपदा प्रबंधन मंत्री श्री विजय कुमार मंडल, मुख्य सचिव श्री अमृत लाल मीणा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, डॉ. एस. सिद्धार्थ, जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव श्री संतोष कुमार मल्ल, कृषि विभाग के प्रधान सचिव श्री पंकज कुमार, सचिव श्री अनुपम कुमार, श्री कुमार रवि और अन्य वरीय अधिकारी मौजूद थे। वहीं संबंधित जिलों के जिलाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े।