
पटना: बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास की दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 21406.36 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली 11,346 ग्रामीण सड़कों और 730 पुलों का आज रिमोट कंट्रोल के माध्यम से ‘संकल्प’ भवन, 1 अणे मार्ग से कार्यारंभ एवं शिलान्यास किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री को ग्रामीण कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह द्वारा विभिन्न योजनाओं की अद्यतन प्रगति, निर्माणाधीन एवं प्रस्तावित पथों और पुलों की विस्तृत जानकारी दी गई। प्रस्तुतीकरण के माध्यम से मुख्यमंत्री को यह भी अवगत कराया गया कि योजनाएं राज्य के कोने-कोने तक सड़क संपर्क और बुनियादी सुविधाओं को मजबूती देंगी।
मुख्यमंत्री ने कही ये अहम बातें:
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि “हर टोले तक पक्की सड़क पहुंचाना हमारा लक्ष्य है, और ग्रामीण कार्य विभाग इस दिशा में सराहनीय कार्य कर रहा है।” उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन योजनाओं का शिलान्यास और कार्यारंभ हुआ है, उन्हें तय समय सीमा में गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि इन सड़कों और पुलों के निर्माण से लाखों लोगों को आवागमन में राहत मिलेगी और सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी।
योजना वार विवरण:
ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंधन कार्यक्रम
- कार्यारंभ: 5,047 पथ (लंबाई: 8,893 किमी), लागत: ₹6,198 करोड़
- शिलान्यास: 4,079 पथ (लंबाई: 6,484 किमी), लागत: ₹5,627 करोड़
मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना
- कार्यारंभ: 409 पुल, लागत: ₹1,859 करोड़
- शिलान्यास: 295 पुल, लागत: ₹1,792 करोड़
- राज्य योजना: 29 पुल (कार्यारंभ + शिलान्यास), लागत: ₹327 करोड़
मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना (अवशेष)
- कार्यारंभ: 301 पथ (490 किमी), लागत: ₹618 करोड़
- शिलान्यास: 1,908 पथ (3,397 किमी), लागत: ₹4,884 करोड़
सुलभ संपर्कता योजना
- कुल 8 योजनाओं का कार्यारंभ/शिलान्यास
- लागत: ₹101 करोड़
कार्यक्रम में शामिल प्रमुख व्यक्ति:
- उपमुख्यमंत्री: सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा
- मंत्रीगण: विजय कुमार चौधरी (जल संसाधन), अशोक चौधरी (ग्रामीण कार्य)
- वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी: मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा, विकास आयुक्त प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, डॉ. एस. सिद्धार्थ, कुमार रवि, व अन्य अधिकारीगण।
मुख्यमंत्री को इस अवसर पर हरित पौधा भेंट कर अभिनंदन भी किया गया, जो राज्य सरकार की पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है।