
Bihar News: पटना के सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र स्थित बापू सभागार में आज बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड, पटना का शताब्दी समारोह भव्य रूप से आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर इस ऐतिहासिक आयोजन का उद्घाटन किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अत्यंत खुशी की बात है कि बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड अपनी सौ वर्षों की यात्रा पूरी कर चुका है। इस अवसर पर मदरसा से जुड़े 15 हजार से अधिक लोग समारोह में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों ने शिक्षा और अल्पसंख्यक समुदाय के विकास के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया था, लेकिन 2005 में एनडीए सरकार बनने के बाद से राज्य में विकास की नई इबारत लिखी जा रही है और कानून का राज कायम हुआ है।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय के लिए सरकार द्वारा किए गए कार्यों को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2006 से कब्रिस्तान की घेराबंदी बड़े पैमाने पर कराई गई, जिससे आपसी विवाद और झगड़े की स्थिति समाप्त हुई। मदरसों का निबंधन कर उन्हें सरकारी मान्यता प्रदान की गई और शिक्षकों को सरकारी शिक्षकों के बराबर वेतन दिया जाने लगा।
उन्होंने कहा कि भागलपुर दंगे (1989) की सही जांच पूर्व की सरकारों ने नहीं कराई थी। 2005 में सत्ता में आने के बाद उनकी सरकार ने इसकी जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की और पीड़ितों को मुआवजा दिया। दंगा प्रभावित परिवारों को पेंशन दी जा रही है। मुस्लिम परित्यक्ता और तलाकशुदा महिलाओं को 2007 से 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही थी, जिसे अब बढ़ाकर 25 हजार रुपये कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का बजट वर्ष 2004-05 में मात्र 3.54 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 1080 करोड़ रुपये हो गया है। मुस्लिम युवाओं की शिक्षा, रोजगार और स्वरोजगार के लिए लगातार योजनाएँ चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने हमेशा सभी वर्गों—हिन्दू, मुस्लिम, पिछड़ा, अति पिछड़ा, दलित और महादलित—के सर्वांगीण विकास के लिए काम किया है।
उन्होंने हाल के वर्षों में लागू की गई जनकल्याणकारी योजनाओं का भी उल्लेख किया। वृद्धजनों, विधवाओं और दिव्यांगजनों की पेंशन राशि 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये की गई है। 2018 तक सभी घरों में बिजली पहुंचाई गई और अब अधिकांश घरेलू उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2024-25 में प्रगति यात्रा के दौरान जिलों का दौरा कर विकास कार्यों की समीक्षा की गई और कमियों को दूर करने के लिए 50 हजार करोड़ रुपये की लागत से 430 नई योजनाओं को स्वीकृति दी गई है।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री को अंगवस्त्र, टोपी और मखाने की माला पहनाकर सम्मानित किया गया। शताब्दी समारोह के अवसर पर प्रकाशित स्मारिका का विमोचन भी किया गया।
इस अवसर पर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान और बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष सलीम परवेज ने भी सभा को संबोधित किया। कार्यक्रम में जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, शिक्षा मंत्री सुनील कुमार, ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी, पूर्व मंत्री नौशाद आलम, अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष गुलाम रसूल बलियावी, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा, बिहार राज्य सुन्नी व शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष, विधान पार्षदगण, पूर्व सांसदगण, मदरसा कमिटियों के सदस्य, शिक्षक और बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
यह शताब्दी समारोह न केवल बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड की गौरवशाली यात्रा का उत्सव था, बल्कि सरकार द्वारा शिक्षा, सामाजिक सौहार्द और विकास की दिशा में उठाए गए ठोस कदमों का भी प्रतीक बना।