
भागलपुर: भागलपुर शहर में शनिवार को “बदलो बिहार, नई सरकार” नागरिक अभियान के तहत एक महत्वपूर्ण संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य था बिहार में वैकल्पिक राजनीति की भूमिका, सामाजिक चेतना और जन सहभागिता को मजबूती देना।
इस कार्यक्रम का आयोजन वृंदावन मैरिज हॉल में किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में बुद्धिजीवी, सामाजिक कार्यकर्ता, छात्र और आम नागरिक शामिल हुए।
तुषार गांधी ने रखे विचार
इस संगोष्ठी के मुख्य वक्ता थे महात्मा गांधी के प्रपौत्र और समाजिक विचारक तुषार गांधी। उन्होंने अपने संबोधन में कहा:
“अगर आज़ादी के 75 वर्षों बाद भी आम नागरिक को न्याय, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, तो यह मौजूदा व्यवस्था की असफलता है।“
उन्होंने गांधीवादी मूल्यों की वापसी और सामाजिक न्याय आधारित राजनीति को वक्त की ज़रूरत बताया।
प्रमुख वक्ताओं ने रखे अपने विचार
कार्यक्रम में कई अन्य प्रख्यात सामाजिक और राजनीतिक हस्तियों ने भी विचार साझा किए:
- डॉ. सुनील, पूर्व विधायक व सांसद
- विजय प्रताप, समाजवादी चिंतक
- गुड्डी शाह, युसूफ मेहर अली सेंटर, दिल्ली
- कुमार चंद्र माली, सामाजिक कार्यकर्ता, झारखंड
इन सभी वक्ताओं ने नागरिक चेतना, लोकतांत्रिक भागीदारी और वैकल्पिक नेतृत्व की आवश्यकता पर बल दिया।
गांधीवादी विचारधारा को केंद्र में रखा गया
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्ध गांधीवादी चिंतक अमरनाथ भाई ने की। उन्होंने कहा कि:
“बिहार सामाजिक आंदोलनों की ऐतिहासिक धरती है, और आज भी जन आंदोलनों के जरिए ही वास्तविक परिवर्तन संभव है।“
संयुक्त संगठनों की साझी पहल
इस संगोष्ठी का आयोजन कई संगठनों के साझा प्रयास से संभव हुआ, जिनमें शामिल थे:
गंगा मुक्ति आंदोलन, सीएफडी, राज सेवा दल, लोकतांत्रिक राष्ट्र निर्माण अभियान, भारत जोड़ो अभियान, सर्वोदय मंडल, संघर्ष वाहिनी समिति, जल समिति और एकता रहें।
बिहार में वैकल्पिक राजनीति की ओर संकेत
इस संगोष्ठी को बिहार में वैकल्पिक राजनीति की एक नई शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि अब समय आ गया है जब जनता केवल मतदाता नहीं, बल्कि बदलाव की निर्णायक शक्ति बने।