
पटना: आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और 100% भागीदारी वाला बनाने के उद्देश्य से मुख्य सचिव श्री अमृत लाल मीणा ने गुरुवार को भागलपुर और मुंगेर प्रमंडल के अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। पटना स्थित मुख्य सचिवालय के सभागार में आयोजित इस बैठक में जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, निर्वाचन एवं प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक में मतदान केंद्रों की स्थिति, सुरक्षा व्यवस्था, मतदाता सूची अद्यतन, आदर्श आचार संहिता के अनुपालन और जन जागरूकता अभियान की समीक्षा की गई।
मुख्य सचिव का निर्देश: “जहां भी पोल बहिष्कार की आशंका हो, पहले से जानिए कारण, फिर करें समाधान”
मुख्य सचिव ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस बार चुनाव में एक भी पोलिंग बूथ पर बहिष्कार न हो, इसका विशेष प्रयास किया जाए। जिन क्षेत्रों में पिछली बार बहिष्कार की स्थिति थी, वहां समय रहते लोगों से संवाद कर कारणों को दूर किया जाए। सभी जिलाधिकारियों को क्षेत्रीय मुद्दों की पहचान कर उन्हें समय रहते हल करने के निर्देश दिए गए।
बॉर्डर चेकिंग और आर्म्स वेरिफिकेशन पर फोकस
मीणा ने राज्य के सीमावर्ती जिलों में चेकपोस्टों को पूरी तरह सक्रिय करने, वाहनों की गहन जांच शुरू करने और आर्म्स होल्डरों के घर जाकर भौतिक सत्यापन सुनिश्चित कराने का आदेश दिया। उन्होंने पुलिस अधीक्षकों को अपराधियों की सूची तैयार करने, हिस्ट्रीशीटरों पर निगरानी और स्पीडी ट्रायल मामलों पर विशेष ध्यान देने की बात कही।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की दो टूक: “प्रचार को घर-घर और गली-गली तक ले जाएं”
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने कहा कि बीएलओ द्वारा गणना प्रपत्रों को समय पर भरवाने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। उन्होंने शहरी इलाकों में कूड़ा गाड़ियों पर जिंगल चलाकर प्रचार, पोस्टर, पंपलेट और माइकिंग जैसे माध्यमों से मतदाता जागरूकता बढ़ाने पर बल दिया।
डीजीपी का निर्देश: “हर थाना रहे अलर्ट, चुनावी सुरक्षा हो अभेद्य”
डीजीपी विनय कुमार ने राज्य के सभी थानों को चुनाव के दौरान हाई अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया। अपराधियों पर शिकंजा कसने, आर्म्स एक्ट मामलों का त्वरित निपटारा और प्रत्येक थाना स्तर पर खुफिया सूचना तंत्र को सक्रिय रखने का आदेश दिया गया।