
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (TMBU) एक बार फिर संकट के घेरे में है। इस बार विश्वविद्यालय के अतिथि शिक्षक (Guest Faculty) अपनी सेवा नवीकरण की मांग को लेकर प्रशासनिक भवन के समक्ष धरने पर बैठ गए हैं। लगातार उपेक्षा और संवादहीनता के चलते शिक्षकों में गहरी नाराज़गी देखी जा रही है।
विश्वविद्यालय के अंगीभूत महाविद्यालयों और पीजी विभागों में कार्यरत अतिथि शिक्षक समय पर सेवा विस्तार नहीं होने से असमंजस में हैं, जिससे पठन-पाठन की प्रक्रिया बाधित हो रही है। शिक्षकों का आरोप है कि प्रशासन मौन है और छात्रों की शिक्षा प्रभावित हो रही है।
मांगें और आरोप
- सेवा नवीकरण आदेश में देरी
- पठन-पाठन बाधित होने की स्थिति
- कुलपति द्वारा समस्याओं की अनदेखी
- विश्वविद्यालय प्रशासन के असंवेदनशील रवैये पर नाराज़गी
टीएमबीयू अतिथि शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. आनंद आजाद ने सोमवार को कुलपति प्रो. जवाहर लाल से मुलाक़ात कर तत्काल निर्देश जारी करने की मांग की थी, लेकिन कुलपति ने राजभवन से नीतिगत निर्णयों पर लगी रोक का हवाला देते हुए असमर्थता जताई।
वहीं, धरना स्थल पर पहुंचे कुलसचिव रामाशीष पूर्वे ने शिक्षकों से बात कर समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया।
शिक्षकों की नाराज़गी
शिक्षक अजित सोनू ने कहा, “कुलपति अपने कार्यालय में नहीं बैठते, केवल आवास पर रहते हैं। इससे छात्रों और शिक्षकों दोनों की समस्याएं अनसुलझी रह जाती हैं। ऐसे कुलपति पर राजभवन को कार्रवाई करनी चाहिए।”
धरने पर बैठे शिक्षकों का कहना है कि सेवा नवीकरण के लिए राज्यपाल स्तर की मंजूरी आवश्यक नहीं, कुलपति यदि चाहें तो अपने स्तर से निर्णय ले सकते हैं, लेकिन वे कोई पहल नहीं कर रहे।