
जिला विधिक सेवा प्राधिकार, भागलपुर के तत्वावधान में आज व्यवहार न्यायालय परिसर स्थित कांफ्रेंस हॉल, टेन कोर्ट बिल्डिंग में “स्थायी लोक अदालत (जन उपयोगिता) की स्थापना एवं क्षेत्राधिकार” विषय पर विशेष विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता राजेश नारायण सेवक पाण्डेय, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, भागलपुर ने की। उन्होंने विस्तारपूर्वक बताया कि स्थायी लोक अदालत एक विशेष प्रकार की न्यायिक व्यवस्था है, जो विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 की धारा 22 बी के तहत स्थापित की जाती है। यह अदालत जन उपयोगी सेवाओं से जुड़े विवादों के निपटारे हेतु एक सुलभ, सस्ता और त्वरित समाधान प्रदान करती है।
श्री पाण्डेय ने बताया कि बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, पटना के निर्देश पर राज्य के सभी जिलों में स्थायी लोक अदालतों का गठन किया गया है, जो परिवहन, स्वास्थ्य, शिक्षा, डाक, टेलीफोन, बैंकिंग, बिजली, बीमा आदि जैसी जन उपयोगी सेवाओं से जुड़े मामलों को सुलझाने के लिए कार्यरत हैं।
इस अवसर पर स्थायी लोक अदालत, भागलपुर के अध्यक्ष बिरेन्द्र कुमार मिश्र, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रकाश कुमार राय सहित अन्य गणमान्य वक्ताओं ने भी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधिक सेवा अधिनियम, स्थायी लोक अदालत की प्रक्रिया एवं महत्व पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव रंजीता कुमारी द्वारा किया गया। उन्होंने सभी आगंतुकों, अधिकारियों और सामाजिक संगठनों की भागीदारी के लिए आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर डाक विभाग के अधीक्षक, लोक अभियोजक, जिला विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष एवं सचिव, अधिवक्ता संघ के सचिव, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, बिजली विभाग, भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL), भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के प्रतिनिधियों सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े विशिष्ट जनों की उपस्थिति रही।