
राजद (RJD) विधायक रीतलाल यादव की तबीयत सोमवार देर शाम भागलपुर विशेष केंद्रीय कारा में अचानक बिगड़ गई। जेल प्रशासन ने उन्हें आनन-फानन में मायागंज मेडिकल कॉलेज अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया, जहां फिलहाल डॉक्टरों की निगरानी में इलाज जारी है। रात करीब 9:30 बजे उन्हें स्ट्रेचर पर अस्पताल लाया गया।
पत्नी ने लगाया हत्या की साजिश का आरोप
घटना के तुरंत बाद विधायक की पत्नी रिंकू देवी ने एक वीडियो संदेश जारी कर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि उनके पति को जेल में मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि यह सब एक सुनियोजित साजिश के तहत किया जा रहा है और उनके पति की हत्या की कोशिश हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि पूरा परिवार भय के माहौल में जी रहा है।
जेल में अनशन से बिगड़ी तबीयत?
सूत्रों के अनुसार, रीतलाल यादव को जेल के हाई-सिक्योरिटी जोन के तृतीय खंड (टी-सेल) में रखा गया था। परिजनों का आरोप है कि लगातार प्रताड़ना के खिलाफ उन्होंने अनशन शुरू कर दिया था, जिससे उनकी तबीयत खराब हो गई। हालांकि, जेल प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
मीडिया से बदसलूकी, सुरक्षा कर्मियों पर नशे का आरोप
अस्पताल में भर्ती के दौरान मीडिया कैमरों में एक दृश्य कैद हुआ जिसमें रीतलाल यादव को स्ट्रेचर पर ले जाते समय उन्होंने एक सुरक्षा कर्मी से तंबाकू मांगा। इस दौरान मीडियाकर्मियों को कवरेज से रोकने की कोशिश की गई और पत्रकारों के साथ धक्का-मुक्की भी हुई। प्रत्यक्षदर्शियों का आरोप है कि कुछ सुरक्षाकर्मी नशे में थे।
क्या है मामला?
रीतलाल यादव ने 17 अप्रैल 2025 को दानापुर कोर्ट में सरेंडर किया था। उन पर खगौल थाना क्षेत्र के एक बिल्डर से 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगने और धमकी देने का आरोप है। पटना पुलिस ने उनके 11 ठिकानों पर छापेमारी कर 10.5 लाख रुपये नकद, 77 लाख के ब्लैंक चेक, चार पेन ड्राइव और अन्य दस्तावेज बरामद किए थे। सरेंडर के बाद उन्हें पहले बेऊर जेल और फिर सुरक्षा कारणों से भागलपुर के विशेष केंद्रीय कारा में शिफ्ट किया गया था।
प्रशासन पर उठे सवाल
विधायक की तबीयत बिगड़ने, मीडिया के साथ बदसलूकी और पत्नी द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों के बाद जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रशासनिक और राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है।
फिलहाल अस्पताल प्रशासन और जिला प्रशासन की ओर से कोई विस्तृत मेडिकल बुलेटिन जारी नहीं किया गया है। मामले पर निगरानी रखी जा रही है।