
भागलपुर सहित आसपास के क्षेत्रों में मोहर्रम का पर्व परंपरा, श्रद्धा और सौहार्द के माहौल में मनाया गया। इस अवसर पर शनिवार को पारंपरिक ताजिया जुलूस निकाला गया, जिसमें विभिन्न इलाकों से भारी संख्या में लोग शामिल हुए। जुलूस में शरीक लोगों ने धार्मिक आस्था के साथ मोहम्मद साहब और इमाम हुसैन की कुर्बानी को याद किया।
जुलूस का मुख्य आकर्षण रहा पैकड़ों द्वारा प्रस्तुत किया गया पारंपरिक लाठी प्रदर्शन, जिसने उपस्थित जनसमूह को रोमांचित कर दिया। पैकड़ों ने अलग-अलग अंदाज़ में लाठी भांजते हुए अपने शौर्य और अनुशासन का परिचय दिया। यह प्रदर्शन न सिर्फ भीड़ के आकर्षण का केंद्र रहा, बल्कि मोहर्रम की जीवंत परंपरा को भी मजबूती से प्रस्तुत किया।
जुलूस मार्ग पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। स्थानीय प्रशासन और पुलिस बल हर मोर्चे पर मुस्तैद दिखे। जगह-जगह दंडाधिकारियों की तैनाती, सीसीटीवी निगरानी और मेडिकल टीम की उपस्थिति ने आयोजन को शांतिपूर्ण और व्यवस्थित बनाए रखा।
धार्मिक सौहार्द की मिसाल
मोहर्रम के मौके पर हिंदू-मुस्लिम दोनों समुदायों के लोगों ने मिलकर सहयोग किया, जिससे गंगा-जमुनी तहजीब की खूबसूरत झलक सामने आई।