
भागलपुर: स्वच्छता और ग्रामीण विकास की दिशा में भागलपुर ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2025 के तहत 1,64,000 सिटिजन फीडबैक के आधार पर भागलपुर को बिहार का नंबर एक जिला घोषित किया गया है। यह उपलब्धि जिले के प्रशासनिक प्रयासों और ग्रामीण भागीदारी का प्रत्यक्ष परिणाम है।
प्रेस वार्ता में उप विकास आयुक्त ने दी जानकारी
इस महत्वपूर्ण उपलब्धि की जानकारी उप विकास आयुक्त प्रदीप कुमार सिंह ने मंगलवार को अपने कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता में दी। उन्होंने बताया कि जिले में स्वच्छता और पर्यावरण प्रबंधन को लेकर कई नवाचार किए गए हैं, जिनमें ग्रामीण समुदायों की भागीदारी भी सुनिश्चित की गई है।
गोबर गैस से ईंधन आपूर्ति की अनूठी पहल
प्रेस वार्ता में बताया गया कि गोराडीह प्रखंड के बिशनपुर जिच्छो पंचायत में 50 घरों को गोबर गैस के माध्यम से स्वच्छ और टिकाऊ ईंधन की आपूर्ति की जा रही है। यह योजना 15वें वित्त आयोग की निधि से संचालित की जा रही है, जो न केवल पर्यावरण अनुकूल है बल्कि ग्रामीण जीवन स्तर को बेहतर बनाने में भी सहायक है।
प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन में भी आगे भागलपुर
प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर भी भागलपुर ने उल्लेखनीय कदम उठाए हैं। जिले के चार प्रमुख प्रखंडों — गोपालपुर, कहलगांव, सबौर और सुल्तानगंज में प्रसंस्करण इकाइयाँ स्थापित की गई हैं। इन इकाइयों में गांवों से एकत्रित वायु-जनित प्लास्टिक कचरे का वैज्ञानिक तरीके से प्रसंस्करण किया जा रहा है, जिससे प्रदूषण में कमी और पुनर्चक्रण को बढ़ावा मिल रहा है।
स्वच्छ भारत मिशन को मिल रही मजबूती
उप विकास आयुक्त प्रदीप कुमार सिंह ने कहा:
“भागलपुर का यह प्रदर्शन सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि यह ग्रामीण जागरूकता, प्रशासनिक समर्पण और सतत नवाचारों का परिणाम है। इन पहलों ने न केवल स्वच्छ भारत मिशन को मजबूती दी है, बल्कि लोगों के जीवन स्तर को भी बेहतर बनाया है।“