
पटना। भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद, क्षेत्रीय कार्यालय पटना और भारतीय डाक, बिहार सर्किल के संयुक्त प्रयास से पहली बार 18 सितंबर 2025 को विश्व बांस दिवस मनाया जाएगा। इस अवसर पर समस्तीपुर की बांस शिल्प कलाकार कुमारी किरण द्वारा बांस से निर्मित हस्तशिल्प उत्पादों और कलाकृतियों की विशेष प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी 18 से 25 सितंबर तक प्रधान डाकघर, पटना (जीपीओ) में लगी रहेगी।
कुमारी किरण की कला में बिहार की परंपरा और आधुनिकता का सुंदर संगम देखने को मिलता है। उनके शिल्प में फूलों, ज्यामितीय आकृतियों और स्थानीय सांस्कृतिक प्रतीकों का समावेश है। प्रदर्शनी में बांस से बने लैंपशेड, बैग और अन्य पारंपरिक व नए उत्पादों को आम लोगों के लिए प्रस्तुत किया गया।
इस अवसर पर मुख्य उद्घाटन मुख्य पोस्ट मास्टर जनरल श्री मौजफ्फर अहमद (भा. डा. से.) द्वारा किया जाएगा। साथ ही निदेशक मुख्यालय बिहार सर्किल श्री पवन कुमार और क्षेत्रीय निदेशक श्रीमती स्वधा रिजवी समेत अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहेंगे।
प्रदर्शनी का उद्देश्य बांस के महत्व को उजागर करना और इसके सांस्कृतिक, सामाजिक एवं आर्थिक योगदान के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। क्षेत्रीय निदेशक श्रीमती स्वधा रिजवी ने कहा, “बांस केवल परंपरा का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह हमारे पर्यावरण और हरे भविष्य की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है।”
विश्व बांस दिवस के माध्यम से यह प्रयास किया गया है कि आम लोगों को बांस शिल्प और इसके विविध उपयोगों से जोड़कर इसके महत्व को समझाया जा सके। प्रदर्शनी स्थानीय शिल्पकारों के सम्मान और उनके कौशल को बढ़ावा देने का भी एक महत्वपूर्ण प्रयास है।