
Bhagalpur News: एक ओर सरकार गरीबों को बसाने और उन्हें उनका हक दिलाने की बात करती है, वहीं दूसरी ओर भागलपुर जिले के जगदीशपुर प्रखंड कार्यालय से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। आरोप है कि विस्थापित परिवारों को बसाने के नाम पर अंचल कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा 15 से 20 हजार रुपये की अवैध घूस मांगी जा रही है।
यह मामला तब सामने आया जब कई पीड़ित परिवार भाजपा झुग्गी-झोपड़ी संघर्ष समिति के अध्यक्ष शंकर प्रसाद गुप्ता के पास पहुंचे और अपनी व्यथा साझा की। पीड़ितों का कहना है कि मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश और जिलाधिकारी के आदेश के बावजूद अंचल कार्यालय में भ्रष्टाचार का खेल जारी है।
गरीबों से रिश्वत मांगना शर्मनाक: शंकर प्रसाद गुप्ता
शंकर प्रसाद गुप्ता ने इस पूरी प्रक्रिया को शर्मनाक और अमानवीय बताया। उन्होंने कहा:
“ये सभी विस्थापित बेहद गरीब हैं, जो मेहनत-मजदूरी या दूसरों के घरों में काम कर किसी तरह अपना जीवन चला रहे हैं। ऐसे में उनसे रिश्वत मांगना सामाजिक अन्याय है।”
उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि 10 दिनों के अंदर इस भ्रष्टाचार पर रोक नहीं लगी और विस्थापितों को न्याय नहीं मिला, तो समिति के नेतृत्व में जगदीशपुर अंचल कार्यालय का घेराव किया जाएगा।
महिला विस्थापित का आरोप: ‘पैसा लेकर घर बुलाते हैं कर्मचारी’
एक महिला विस्थापित ने कहा कि अंचल कार्यालय के कुछ कर्मचारी पैसा लेकर अपने घर बुलाते हैं, ताकि उन्हें जमीन या घर की सुविधा दी जा सके। उन्होंने दुख जताते हुए कहा:
“हम दूसरे के घरों में चौका-बर्तन कर जिंदगी बिता रहे हैं। इतने पैसे कहां से लाएं?”
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
अब सवाल यह उठता है कि जब मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी के स्पष्ट निर्देश हैं, तो फिर जमीनी स्तर पर इन आदेशों की अनदेखी क्यों हो रही है? क्या वरीय अधिकारी इस भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाएंगे, या फिर ये विस्थापित परिवार अपने आशियाने के सपने को लिए दर-दर भटकते रहेंगे l