
भागलपुर, 18 सितंबर: बिहार में 2016 से लागू पूर्ण शराबबंदी एक बार फिर सवालों के घेरे में है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर लागू हुई शराबबंदी का उद्देश्य समाज को नशामुक्त बनाना था, लेकिन हकीकत अलग ही तस्वीर बयां कर रही है। ताज़ा मामला भागलपुर जिले से सामने आया है, जहां एक शराबी शराब के नशे में कचरे के ढेर पर लुढ़का मिला।
मिली जानकारी के अनुसार, वीडियो में दिख रहा शख्स भवानीपुर थाना क्षेत्र के मधुरापुर निवासी विपिन पोद्दार है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि वह पूरी तरह से नशे की हालत में है और कचरे के ढेर पर गिरा हुआ है। इतना ही नहीं, उसने खुद शराब पीने की पुष्टि भी की है। यह दृश्य न केवल शराबबंदी की सफलता पर सवाल खड़े करता है बल्कि शराब की उपलब्धता और उसकी खपत को भी उजागर करता है।
बिहार में शराबबंदी कानून के तहत न तो शराब पीने की अनुमति है और न ही बेचने की, ऐसा करने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। इसके बावजूद, आए दिन शराबबंदी की धज्जियां उड़ाती घटनाएं सामने आती रहती हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसे मामले यह दर्शाते हैं कि शराब की सप्लाई चेन अब भी सक्रिय है और प्रशासन इसे रोकने में पूरी तरह सफल नहीं हो पाया है। लोगों का सवाल है कि जब शराब पर पूर्ण प्रतिबंध है, तो आखिर यह शराबी शराब कैसे पी रहा है और किस चैनल से शराब की आपूर्ति हो रही है।
भागलपुर की यह घटना एक बार फिर बिहार सरकार की शराबबंदी नीति पर बहस को जन्म देती है। यह देखना होगा कि प्रशासन इस मामले को कितनी गंभीरता से लेता है और कानून के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए क्या ठोस कदम उठाए जाते हैं।