
सुल्तानगंज: सावन मास की पवित्र बेला में बाबा बैद्यनाथ धाम की ओर जाने वाले श्रद्धालुओं का सैलाब इन दिनों अजगैबीनाथ धाम, सुल्तानगंज में उमड़ पड़ा है। उत्तरवाहिनी गंगा में पावन स्नान के बाद श्रद्धालु देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ मंदिर के लिए कांवड़ यात्रा पर निकल पड़े हैं। इस वर्ष यात्रा का मुख्य आकर्षण रही असम के तिनसुकिया जिले से आई 51 श्रद्धालुओं की टोली, जिसमें 9 महिलाएं भी शामिल हैं। इस विशेष दल को श्रद्धालुओं ने ‘नवशक्ति’ नाम दिया है।
यह दल पूरे मार्ग में नृत्य, भक्ति गीतों और हर-हर महादेव के जयघोष से ऐसा उल्लास भर रहा है कि कांवरिया पथ पर हर कोई इनकी ओर आकर्षित हो रहा है। दल के सदस्यों ने बताया कि उनमें से कई श्रद्धालु पिछले 35 से 40 वर्षों से लगातार बाबा बैद्यनाथ के दर्शन के लिए सावन में यात्रा करते आ रहे हैं।
‘नवशक्ति’ बनी प्रेरणा
इस बार टोली में महिलाओं की भागीदारी विशेष रही। महिलाओं ने पुरुषों के साथ कंधे पर कांवर उठाकर पूरी श्रद्धा और जोश के साथ पैदल यात्रा की। यह दृश्य समाज में महिला जागरूकता और समान भागीदारी का प्रतीक बन गया है। कांवड़ यात्रा में महिलाओं की भागीदारी एक प्रेरणादायक संदेश दे रही है कि भक्ति में अब भेद नहीं, बराबरी का स्थान है।
दल के सदस्यों ने बताया कि तिनसुकिया को ‘मिनी बिहार’ कहा जाता है, जहाँ बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के लोग मिलजुल कर वर्षों से रहते आए हैं। इसलिए बाबा बैद्यनाथ के प्रति वहां विशेष श्रद्धा देखने को मिलती है।
सेवा और भक्ति का संगम
पूरे मार्ग में सेवा शिविर, मेडिकल कैंप और जलपान की समुचित व्यवस्थाएं की गई हैं, जिससे किसी श्रद्धालु को कोई असुविधा न हो। असम से आई टोली के भक्ति रस से ओतप्रोत अंदाज़ से अन्य श्रद्धालु भी झूम उठते हैं और यात्रा का हर पल भक्ति और ऊर्जा से भर जाता है।
अजगैबीनाथ धाम से शुरू हुई यह यात्रा केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि सामाजिक सौहार्द, एकता और महिला सशक्तिकरण की जीवंत मिसाल बन चुकी है।