
रिपोर्ट – ईशु राज, भागलपुर : बिहार सरकार एक तरफ खेल कूद में प्रदेश को स्वावलंबी बनाने को लेकर कई दावे करती है, जबकि धरातल पर देखा जाए तो, संसाधन की कमी के कारण राज्य के खिलाड़ी काफी पिछड़े पायदान पर नजर आते हैं। आलम यह है की विभागीय स्तर से आवश्यकतानुसार खिलाड़ियों को जरूरी उपकरण भी मुहैया नहीं कराया जाता हैं। इतना ही नहीं खेल शिक्षकों को वेतन देने तक के पैसे नहीं हैं।
दरअसल भागलपुर के सैंडिस कंपाउंड मैदान में बिहार कला संस्कृति एवं युवा विभाग एवं छात्र और युवा कल्याण निदेशालय बिहार राज्य खेल प्राधिकरण द्वारा वार्षिक खेल कार्यक्रम 2022–23 की चार दिवसीय प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। जिसमें विभिन्न प्रखंडों से स्कूली छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया और अलग-अलग तरह के खेल की प्रस्तुति दी गयी। वहीं कार्यक्रम का शुभारंभ भागलपुर सांसद अजय मंडल और उपमहापौर डॉ. सलाउद्दीन अहसन के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। खेल प्रतियोगिता में कई तरह के खेल का आयोजन किया गया, जिसमें खो खो, कबड्डी, वॉलीबॉल के अलावा कई खेल शामिल हैं। इधर सांसद अजय मंडल ने जिले के प्रतिभावान खिलाड़ियों को बढ़ावा देने और ओलंपिक तक जानें का सार्वजनिक दावा भी किया, जबकि दूर-दराज से आये खिलाड़ियों के पांव में जूते और जर्सी तक नहीं होने से खेल विभाग के व्यवस्था की पोल खुल गयी। साथ ही कार्यक्रम खत्म होने के बाद खेल शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर सांसद का घेराव किया, और वेतन राशि दिलवाने की मांग शुरू कर दी। शिक्षकों ने कहा कि वे लोग लंबे समय से सेवा दे रहें हैं, लेकिन सरकार पिछले आठ महीने से प्रारंभिक शिक्षकों को वेतन तक नहीं मुहैया नहीं कराया है। साथ ही शिक्षकों ने सांसद से कहा कि एक तो उन्हें आठ हज़ार वेतन देने की बात कही गई थी, और उसपर भी कई महीनों से उन्हें वेतन नहीं दिया गया, जिससे उन सभी की परेशानी काफी बढ़ गई है। वहीं सांसद ने शिक्षकों को इस समस्या से जल्द निजात दिलाने का भी आश्वासन दिया।