
बिहार चुनाव 2025: नाथनगर विधानसभा सीट पर 2025 का चुनाव समीकरण धीरे-धीरे साफ होने लगा है। आरजेडी के मौजूदा विधायक अली अशरफ सिद्दीकी की सेहत अब पूरी तरह ठीक है, लेकिन सवाल यह है कि क्या पार्टी उन्हें फिर से मैदान में उतारेगी या किसी नए चेहरे को मौका दिया जाएगा। क्षेत्र के राजनीतिक जानकारों के अनुसार, यदि सिद्दीकी जी को टिकट मिलता है तो मुस्लिम और यादव वोट बैंक आरजेडी के पक्ष में मजबूत रहेगा।
वहीं, एनडीए के लिए यह सीट चुनौतीपूर्ण है। जदयू के पुराने नेता लक्ष्मीकांत मंडल या स्थानीय विकास कार्यों से जुड़े महेश यादव की उम्मीदवारी पर चर्चा जोरों पर है। जदयू चाहती है कि यादव वोट और अन्य समाजों का संतुलन बनाए रखकर आरजेडी को कड़ी टक्कर दी जाए।
चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी भी इस सीट पर अपनी भूमिका निभाने को तैयार है। हालांकि LJP ने अभी तक उम्मीदवार घोषित नहीं किया है, लेकिन उनके छोटे-मोटे समीकरण से चुनाव की दिशा प्रभावित हो सकती है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह सीट जातीय समीकरण और स्थानीय विकास मुद्दों से तय होगी। मुस्लिम वोट आरजेडी के पक्ष में और यादव वोट जदयू के पक्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
मतदाता वर्ग की नजरें अब आरजेडी और जदयू पर टिकी हैं। सिद्दीकी की वापसी से आरजेडी समर्थक उत्साहित हैं, जबकि जदयू और एनडीए के लिए यह मुकाबला जीतने का सुनहरा मौका है। छोटे दलों की रणनीति और गठबंधन समीकरण भी निर्णायक साबित हो सकते हैं।
नाथनगर का यह चुनाव केवल उम्मीदवार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जनता के वोट बैंक, जातीय समीकरण और गठबंधन राजनीति की कसौटी भी है। अगले कुछ हफ्तों में जो भी निर्णय होगा, वही तय करेगा कि 2025 में नाथनगर की जनता किसे अपना विधायक बनाएगी।