
बिहार चुनाव 2025: कहलगांव विधानसभा सीट पर इस बार सियासी पारा चढ़ा हुआ है। 2020 में भाजपा के पवन कुमार यादव ने कांग्रेस को शिकस्त देकर जीत हासिल की थी, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। महागठबंधन के भीतर सीट को लेकर घमासान मचा है — राजद, कांग्रेस और जदयू तीनों ही कहलगांव को अपनी रणनीति का अहम हिस्सा मान रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक राजद से रजनीश यादव का नाम चर्चा में है। पार्टी अब इस सीट को कांग्रेस से वापस लेने की तैयारी में है। राजद के स्थानीय नेताओं का कहना है कि इस बार कहलगांव से यादव समीकरण के बूते बड़ी जीत संभव है। वहीं कांग्रेस खेमे से प्रवीण सिंह कुशवाहा और सुभानंद मुकेश दावेदारी पेश कर चुके हैं। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “कहलगांव हमारी परंपरागत सीट रही है, इसे छोड़ना पार्टी कार्यकर्ताओं के मनोबल पर असर डालेगा।”
दूसरी ओर भाजपा एक बार फिर पवन यादव पर भरोसा जताने के मूड में है। पवन यादव ने पिछले कार्यकाल में विकास योजनाओं, सड़क और बिजली परियोजनाओं को लेकर जनता के बीच मजबूत पकड़ बनाई है। उन्होंने कहा, “जनता का आशीर्वाद हमारे साथ है, विकास की राजनीति ही हमारी पहचान है।”
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि राजद और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बनती, तो त्रिकोणीय मुकाबला तय है। भाजपा, राजद और कांग्रेस — तीनों ही अपने-अपने जनाधार को साधने में जुटे हैं।
कुल मिलाकर, कहलगांव की लड़ाई इस बार सिर्फ वोटों की नहीं, अस्तित्व और जनाधार की जंग बनने जा रही है। अब देखना दिलचस्प होगा कि 2025 के रण में कौन बाजी मारेगा — विकास, जातीय समीकरण या गठबंधन की एकता?
रिपोर्ट – विजय सिन्हा