
Bhagalpur News: भागलपुर जिले के कहलगांव अनुमंडल स्थित रमजानीपुर गांव के समीप बिहार इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (BIDA) द्वारा अधिग्रहित की गई 1058 एकड़ भूमि पर आज तक कोई उद्योग स्थापित नहीं हो सका है। इस अधिग्रहण को कई वर्ष बीत जाने के बावजूद उद्योग न लग पाने से ग्रामीणों और किसानों में गहरा आक्रोश है। किसान मुआवजे में हुई विसंगति का विरोध कर रहे हैं और अब उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा बिहार सरकार के उद्योग मंत्री से मुलाकात कर इस जमीन पर शीघ्र उद्योग स्थापित करने की मांग की है।
किसानों और स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर इस क्षेत्र में उद्योग लगे तो न सिर्फ बेरोजगारी दूर होगी, बल्कि पलायन की समस्या पर भी लगाम लगेगी। वर्तमान में इस इलाके के अधिकांश मजदूर रोज़गार की तलाश में दूसरे राज्यों की ओर पलायन कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कहलगांव जैसे औद्योगिक संभावनाओं वाले क्षेत्र को लंबे समय से उपेक्षित रखा गया है, जबकि यहां उद्योग लगाने के लिए सभी जरूरी संसाधन मौजूद हैं।
स्थानीय बुद्धिजीवियों का तर्क है कि कहलगांव में एनटीपीसी पावर प्लांट होने के कारण 24 घंटे निर्बाध बिजली की सुविधा उपलब्ध है। वहीं गंगा नदी का पानी और ललमटिया कोल माइंस से मिलने वाला कोयला उद्योगों के लिए अतिरिक्त लाभ साबित हो सकता है। इसके अलावा, सीमेंट उद्योग के लिए यहां भरपूर मात्रा में रॉ मटेरियल मौजूद है। यही कारण है कि यहां कृषि आधारित उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां, सीमेंट कारखाना अथवा अन्य प्रकार के उत्पादन केंद्र आसानी से स्थापित किए जा सकते हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि अधिग्रहित जमीन पर शीघ्र औद्योगिक इकाइयां लगाई जानी चाहिए ताकि युवाओं को रोजगार का अवसर मिले और क्षेत्र आर्थिक रूप से सशक्त हो सके। फिलहाल, मुख्यमंत्री और उद्योग मंत्री से हुई मुलाकात के बाद उम्मीद जगी है कि सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठाएगी।