
पटना: बिहार ने एक बार फिर खेल जगत में अपना लोहा मनवाया है। जमुई जिले के लाल शैलेश कुमार ने दिल्ली में आयोजित 12वीं वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप 2025 में भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाकर इतिहास रच दिया। T42 श्रेणी के हाई जंप मुकाबले में शैलेश ने 1.91 मीटर ऊँची छलांग लगाकर न सिर्फ स्वर्ण पदक अपने नाम किया, बल्कि तीन बार चैम्पियनशिप रिकॉर्ड भी तोड़ा।
बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवीन्द्रण शंकरण ने जानकारी देते हुए बताया कि शैलेश ने प्रतियोगिता में पहले 1.85 मीटर, फिर 1.88 मीटर और उसके बाद 1.91 मीटर की शानदार छलांग लगाकर नया इतिहास रचा। यह जीत भारत के लिए इसलिए भी खास है क्योंकि यह इस चैम्पियनशिप का देश का पहला स्वर्ण पदक है।
शैलेश कुमार का सफर संघर्ष और प्रेरणा से भरा हुआ है। वे जमुई जिले के अलीगंज प्रखंड के इस्लामनगर गांव के रहने वाले हैं। एक किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले शैलेश ने कठिन परिस्थितियों के बावजूद अपने जुनून और मेहनत से दुनिया में अपना नाम रोशन किया। शैलेश पहले भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम चमका चुके हैं। वे पेरिस में हुई पिछली वर्ल्ड पैरा चैंपियनशिप में रजत पदक विजेता रह चुके हैं और चीन में आयोजित एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक भी जीत चुके हैं।
बिहार सरकार ने उनकी उपलब्धियों को सम्मानित करते हुए “मेडल लाओ, नौकरी पाओ” योजना के तहत उन्हें क्लास वन की सरकारी नौकरी प्रदान की थी। वर्तमान में वे समाज कल्याण विभाग में बाल विकास परियोजना अधिकारी (CDPO) के रूप में कार्यरत हैं।
खेल प्राधिकरण के महानिदेशक ने कहा कि शैलेश कुमार की यह उपलब्धि सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है। उनकी कहानी हर उस खिलाड़ी के लिए प्रेरणा है जो विपरीत परिस्थितियों में भी अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश कर रहा है।
शैलेश की इस शानदार जीत ने यह साबित कर दिया है कि मेहनत, आत्मविश्वास और लगन से कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती। बिहार का यह बेटा आज अंतरराष्ट्रीय खेल मंच पर भारत का परचम बुलंद कर रहा है और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बन गया है।