
पटना। बिहार में जनगणना 2027 की तैयारी को लेकर राज्य सरकार ने बड़े पैमाने पर काम शुरू कर दिया है। जनगणना निदेशालय, बिहार के दिशा-निर्देश पर तीन जिलों को पूर्व-परिक्षण कार्य हेतु चयनित किया गया है। इनमें सीतामढ़ी, नवादा और सारण जिले शामिल हैं। चयनित क्षेत्रों में कुल 448 एन्सम्बल ब्लॉक्स (EBs) बनाए गए हैं।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, सीतामढ़ी जिले के डुमरा (ग्रामीण) प्रखंड के 39 गांवों में 201 EBs, नवादा जिले के राजौली (ग्रामीण) प्रखंड के 77 गांवों में 173 EBs और सारण जिले के सोनपुर (नगर क्षेत्र) के 21 वार्डों में 74 EBs बनाए जाएंगे।
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि जनगणना 2021 के लिए केंद्र सरकार द्वारा आवंटित ₹37.47 करोड़ की राशि में से शेष ₹36.53 करोड़ का उपयोग आगामी जनगणना 2027 के पूर्व-परिक्षण कार्यों में किया जाएगा।
अधिकारियों को दिए गए निर्देश
बैठक में निर्णय लिया गया कि चयनित जिलों के जिलाधिकारी और चार्ज अधिकारी अपने-अपने स्तर पर प्रमाणक एवं पर्यवेक्षकों (Enumerators & Supervisors) की नियुक्ति करें और उनकी सूची 25 सितंबर 2025 तक निदेशालय को उपलब्ध कराएँ। इस सूची में कम से कम 25 से 50 प्रतिशत महिला प्रमाणकों को शामिल करने का निर्देश दिया गया है।
इस बैठक की अध्यक्षता मुख्य सचिव बिहार, प्रत्यय अमृत (IAS) ने की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी विभाग, महानिबंधक एवं जनगणना आयुक्त, भारत सरकार, गृह मंत्रालय तथा जनगणना निदेशालय, बिहार, पटना के साथ समन्वय स्थापित करें ताकि जनगणना 2027 को समय पर सफलतापूर्वक संपन्न कराया जा सके।
डिजिटल प्लेटफॉर्म पर जोर
निदेशालय ने बताया कि इस बार पूर्व-परिक्षण कार्य पूरी तरह डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आधारित होगा। इसके लिए HLB Creator Portal, DLM Mapping App, CMMS Portal और मोबाइल एप्लीकेशन का उपयोग किया जाएगा। साथ ही पाँच स्तरों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएंगे, जिनमें मास्टर ट्रेनर से लेकर फील्ड पर्यवेक्षक तक सभी को शामिल किया जाएगा।
निष्कर्ष
जनगणना निदेशालय, बिहार ने राज्य सरकार से पटना स्थित कार्यालय हेतु भवन निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध कराने का अनुरोध भी किया है। अधिकारियों का मानना है कि समयबद्ध तैयारी और तकनीकी नवाचारों के उपयोग से जनगणना 2027 को अधिक सटीक, पारदर्शी और आधुनिक तरीके से संपन्न किया जा सकेगा।