
पटना, 14 सितंबर: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग (भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय) द्वारा हड़ताल पर गए विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मियों को पुनः सेवा में लौटने का अवसर देने की पहल रंग लाने लगी है। विभाग द्वारा अपील दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू किए जाने के बाद अब तक 1575 कर्मियों ने अपनी सेवा में वापसी के लिए अभ्यावेदन प्रस्तुत किया है। इनमें से 235 कर्मियों की अपील को स्वीकृति भी प्रदान कर दी गई है, जबकि शेष मामलों पर प्रक्रिया जारी है।
ईमेल और ऑफलाइन माध्यम से अपील का अवसर
विभाग की ओर से बर्खास्त कर्मियों को अपील का मौका देने के लिए एक निर्धारित ईमेल आईडी (appealdlrs@gmail.com) जारी की गई है। इच्छुक कर्मी कार्यालय समय में पटना स्थित विभागीय कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से भी अपील दर्ज कर सकते हैं। इस लचीले प्रावधान से बड़ी संख्या में कर्मियों ने अपनी पुनर्बहाली के लिए आवेदन किया है।
3321 कर्मी पहले ही लौट चुके काम पर
विभागीय आंकड़ों के अनुसार, अब तक 3321 संविदा कर्मी हड़ताल छोड़कर कार्य पर वापस लौट चुके हैं। यह स्थिति इस पहल के सकारात्मक परिणाम को स्पष्ट करती है। अधिकारियों का कहना है कि शुरुआत में पहले दिन 54 कर्मियों ने वापसी की थी, लेकिन धीरे-धीरे यह संख्या लगातार बढ़ रही है।
सरकार का स्पष्ट रुख
राज्य सरकार ने स्पष्ट संदेश दिया है कि इच्छुक संविदा कर्मियों को पुनः सेवा में लौटने का अवसर दिया जाएगा, बशर्ते वे तय प्रक्रिया का पालन करें। सरकार का यह निर्णय उन हजारों परिवारों के लिए राहत की खबर है जो संविदा कर्मियों की नौकरी पर निर्भर हैं।
सकारात्मक परिणाम से विभाग को मिली राहत
विशेष सर्वेक्षण कार्य लंबे समय से प्रभावित हो रहा था। लेकिन कर्मियों की वापसी से विभागीय कामकाज में तेजी आई है। अधिकारियों का कहना है कि अपील प्रक्रिया ने न केवल संविदा कर्मियों को नया अवसर दिया है, बल्कि विभाग को भी अपने अधूरे कार्यों को गति देने का मौका मिला है।
संविदा कर्मियों में जागी उम्मीद
इस पहल ने उन संविदा कर्मियों में भी उम्मीद जगाई है जो लंबे समय से असमंजस में थे। अब बड़ी संख्या में कर्मी अपील करने के लिए आगे आ रहे हैं। यह पहल एक बार फिर राज्य सरकार के “संवाद और समाधान” के दृष्टिकोण को मजबूत करती है।
कुल मिलाकर, बर्खास्त संविदा कर्मियों की वापसी से जहां विभागीय कार्यों में तेजी आएगी, वहीं हजारों परिवारों को आर्थिक स्थिरता भी मिलेगी। आने वाले दिनों में अपील की संख्या और स्वीकृति की दर में वृद्धि होने की पूरी संभावना है।