
भागलपुर: इमामपुर प्रखंड के मोहीबअलीचक गांव में मिनी जलापूर्ति योजना के तहत बन रहे जलमीनार का निर्माण दबंगई की भेंट चढ़ गया है। शनिवार को जैसे ही पीएचईडी विभाग की टीम ने सरकारी जमीन पर निर्माण कार्य शुरू कराया, गांव के ही राजा नामक व्यक्ति अपने सहयोगियों के साथ वहां पहुंचा और काम को जबरन रुकवा दिया।
स्थानीय मजदूरों और ग्रामीणों ने विरोध जताया तो उनके साथ बदसलूकी की गई और जान से मारने की धमकी भी दी गई। दबंगई का आलम यह रहा कि बाहरी अज्ञात लोगों को भी मौके पर बुलाया गया, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई।
ग्रामीणों का गुस्सा और थाने में शिकायत
घटना के बाद ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है। वार्ड सदस्य नुसरत खान और पंच रीता देवी ने हबीबपुर थाना में लिखित शिकायत देकर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। शिकायत में बताया गया कि लगभग 20 साल पहले इसी स्थान पर सरकारी ट्यूबवेल लगाया गया था, जो अब खराब हो चुका है। लोगों की सुविधा के लिए उसी जगह पर जलमीनार का निर्माण कराया जा रहा था, लेकिन दबंगों के विरोध से विकास कार्य बाधित हो गया।
ग्रामीणों का कहना है कि यह हरकत न केवल सरकारी कार्य में अड़चन डालने वाली है, बल्कि गांव की गंभीर पेयजल समस्या को और बढ़ा सकती है। महिलाओं ने विशेष नाराजगी जताते हुए कहा कि पानी की किल्लत का सबसे ज्यादा असर उन्हीं पर पड़ता है क्योंकि रोज़मर्रा की जरूरतों के लिए उन्हें दूर-दराज से पानी लाना पड़ता है।
प्रशासन का पक्ष और कानूनी अड़चन
घटना के बाद ग्रामीण प्रतिनिधि सीओ सतीश कुमार से मिले और पूरी जानकारी दी। सीओ ने बताया कि फिलहाल इस जमीन को लेकर अदालत का आदेश बिहार सरकार के पक्ष में नहीं है। न्यायालय के निर्देशों का पालन करते हुए फिलहाल कार्य रोक दिया गया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अन्य पक्ष भी कोर्ट गए हुए हैं और जैसे ही नया आदेश मिलेगा, उसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
गांव में गहराता संकट
गांव में पहले से ही स्वच्छ पेयजल की भारी किल्लत है। जलमीनार बनने से लोगों को बड़ी राहत मिल सकती थी, लेकिन काम रुकने से ग्रामीण निराश हैं। लोगों का कहना है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो और सरकार जल्द से जल्द योजना का कार्य पुनः शुरू करे ताकि गांव को स्वच्छ पानी उपलब्ध कराया जा सके।
इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं कि आखिर कब तक दबंगई और कानूनी पेचिदगियों के कारण गांव की बुनियादी जरूरतें अधूरी रहेंगी।