
भागलपुर: भागलपुर जिला में आदि कर्मयोगी अभियान के अंतर्गत आयोजित जिला स्तरीय कार्यशाला का शुभारंभ जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने तप्त सुधा होटल में दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर उप विकास आयुक्त प्रदीप कुमार सिंह और सहायक समाहर्ता जतिन कुमार ने भी सहयोग किया।
जिलाधिकारी ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस अभियान को केवल कागजों पर नहीं, बल्कि जमीन पर उतारने की आवश्यकता है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जनजातीय समुदाय के अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचे।
आदि कर्मयोगी अभियान, जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है। इसका लक्ष्य है—
- समुदाय आधारित नियोजन
- संस्थागत क्षमता निर्माण
- बहुस्तरीय प्रशिक्षण
- विभिन्न विभागों के बीच समन्वय स्थापित कर जनजातीय क्षेत्रों का समग्र विकास
इस अभियान के तहत स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, समाज कल्याण, ग्रामीण विकास, वन, पंचायती राज और पेयजल एवं स्वच्छता जैसे आठ विभागों को नोडल बनाया गया है। इन विभागों के माध्यम से जनजातीय समुदाय को योजनाओं से लाभान्वित करने की कार्ययोजना बनाई गई है।
जिलाधिकारी ने कहा कि ग्राम और पंचायत स्तर पर विभागीय कर्मचारियों के बीच बेहतर तालमेल जरूरी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि योजनाओं का क्रियान्वयन जनजातीय रीति-रिवाजों और सांस्कृतिक वास्तविकताओं के अनुरूप हो। इसके लिए स्थानीय संगठनों, युवाओं और नागरिक समाज का सहयोग भी लिया जाएगा।
अभियान का अंतिम लक्ष्य है—
- प्रखंड एवं ग्राम स्तर पर उत्तरदायी शासन समूहों का गठन
- प्रत्येक जनजातीय ग्राम में सरकारी योजनाओं की उपलब्धता और पारदर्शिता
- शिकायत निवारण के लिए मजबूत तंत्र की स्थापना
भागलपुर जिला में इस अभियान के तहत पीरपैंती, कहलगांव और सन्हौला प्रखंड के 62 जनजातीय बाहुल्य गांवों को शामिल किया गया है। जिला स्तरीय कार्यशाला के बाद प्रखंड और ग्राम स्तरीय कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा।
इसके लिए BMTs (प्रखंड स्तरीय मास्टर प्रशिक्षक) को प्रशिक्षित कर 15 सितंबर 2025 से पहले प्रत्येक गांव में कार्यशालाएं आयोजित करने का निर्देश दिया गया है। कार्यशालाओं के बाद Village Action Plan तैयार होगा, जिसे संबंधित विभाग समयबद्ध तरीके से लागू करेंगे।
अभियान का उद्देश्य 2047 तक विकसित भारत के निर्माण में जनजातीय समुदायों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना है।