
भागलपुर: बिहार राज्य कार्यपालक सहायक सेवा संघ, जिला इकाई भागलपुर के बैनर तले शुक्रवार को कार्यपालक सहायकों ने अपनी 11 सूत्री मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान कर्मचारियों ने समाहरणालय गेट के समीप कैंडल जलाकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और अपनी उपेक्षा पर गहरा आक्रोश जताया।
संघ के उपाध्यक्ष राहुल चौहान ने कहा कि कार्यपालक सहायकों की समस्याओं को लेकर लंबे समय से सरकार से गुहार लगाई जा रही है। सबसे अहम मांग वेतनमान निर्धारण की है, जिसे अब तक सरकार ने पूरा नहीं किया है। उन्होंने कहा कि कार्यपालक सहायकों का योगदान राजपत्रित कर्मचारियों की तरह है, लेकिन उन्हें उचित वेतन और सम्मान नहीं मिल रहा है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर सरकार वेतनमान उपलब्ध नहीं करा सकती है तो कम से कम न्यूनतम मजदूरी इतनी तय करे कि परिवार का भरण-पोषण सुचारु रूप से हो सके। लेकिन अब तक सरकार ने हमारी मांगों की अनदेखी की है, जिससे मजबूर होकर कर्मचारियों को सड़क पर उतरना पड़ा है।
प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि बिहार सरकार उनकी मांगों को लगातार नजरअंदाज कर रही है। जबकि वे लंबे समय से विभिन्न विभागों में अपनी सेवाएं पूरी निष्ठा से दे रहे हैं। कर्मचारियों ने कहा कि जब तक सरकार उनकी 11 सूत्री मांगों को पूरा नहीं करती, तब तक यह आंदोलन चरणबद्ध तरीके से जारी रहेगा।
संघ की ओर से चेतावनी दी गई कि यदि जल्द ही कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा और राज्यभर में कार्यपालक सहायक एकजुट होकर सरकार के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन करेंगे।
कैंडल मार्च में बड़ी संख्या में कार्यपालक सहायक शामिल हुए और सरकार से अपनी मांगों को जल्द से जल्द पूरा करने की अपील की। कर्मचारियों ने यह भी कहा कि शिक्षक दिवस के मौके पर जब पूरे देश में गुरुजनों को सम्मानित किया जा रहा है, उसी समय कार्यपालक सहायक सड़क पर अपने हक की लड़ाई लड़ने को विवश हैं।