
भागलपुर: दरभंगा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माता जी को लेकर की गई अभद्र टिप्पणी ने पूरे बिहार में सियासी हलचल मचा दी है। इस विवादास्पद बयान के विरोध में एनडीए ने बिहार बंद का आह्वान किया, जिसका व्यापक असर भागलपुर में भी देखने को मिला। सुबह से ही एनडीए के कार्यकर्ता और नेता सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करते नजर आए।
भागलपुर शहर के कई इलाकों में दुकानें बंद कराई गईं, वहीं सड़क पर उतरकर कार्यकर्ताओं ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। इस दौरान एनडीए के कई वरिष्ठ नेता भागलपुर में मौजूद रहे। राज्यसभा की पूर्व सदस्य एवं जदयू नेत्री कहकशां परवीन, भाजपा जिला अध्यक्ष संतोष साह, दीपक चौहान, कुश पांडे और रोहित पांडे सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता विरोध मार्च में शामिल हुए।
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री की मां को लेकर अभद्र टिप्पणी कर विपक्षी नेताओं ने न केवल राजनीतिक मर्यादा का उल्लंघन किया है बल्कि पूरे देश की भावनाओं को आहत किया है। कार्यकर्ताओं ने कहा कि यह केवल प्रधानमंत्री पर व्यक्तिगत प्रहार नहीं है, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपरा पर सीधा हमला है।
एनडीए नेताओं ने स्पष्ट कहा कि जब तक दोषियों पर कठोर कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। विरोध के दौरान कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह नारेबाजी की और प्रशासन से मांग की कि संबंधित व्यक्ति को तुरंत गिरफ्तार किया जाए।
बिहार बंद के असर से भागलपुर में यातायात व्यवस्था भी प्रभावित रही। कई मुख्य बाज़ारों में दुकानें बंद रहीं और सार्वजनिक परिवहन आंशिक रूप से ठप रहा। आम लोग सुबह से ही असुविधा झेलते दिखे। हालांकि पुलिस प्रशासन लगातार सक्रिय रहा और स्थिति को नियंत्रण में रखने की कोशिश करता रहा।
गौरतलब है कि दरभंगा से सामने आई अभद्र टिप्पणी को लेकर बिहार भर में आक्रोश फैल गया है। एनडीए नेताओं का कहना है कि लोकतंत्र में विचारों से विरोध होना चाहिए, लेकिन किसी की मां या परिवार को अपमानित करना न केवल असंवेदनशील है बल्कि राजनीति को कलंकित करने वाला कदम है।
भागलपुर में हुए इस विरोध प्रदर्शन ने साफ कर दिया कि यह मुद्दा अब केवल एक जिले या क्षेत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे बिहार में इसे लेकर माहौल गरमा चुका है। एनडीए नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर सरकार दोषियों के खिलाफ कार्रवाई में देरी करती है तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।