
पटना: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड का शुभारंभ किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने रिमोट का बटन दबाकर 105 करोड़ रुपये की राशि जीविका निधि में ट्रांसफर की। कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि बिहार का विकास केंद्र सरकार की प्राथमिकता है और इसके लिए हर संभव सहयोग प्रदान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ‘संकल्प’, 1 अणे मार्ग से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि यह राज्य के लिए गर्व का क्षण है कि प्रधानमंत्री जी के हाथों जीविका निधि का शुभारंभ हुआ है। इस कदम से स्वयं सहायता समूह की जीविका दीदियों को लोन की राशि आसानी से उपलब्ध होगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने इसके लिए 1,000 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है, जिसमें से आज 105 करोड़ रुपये की राशि सीधे बैंक खाते में भेजी गई है। खुशी की बात यह है कि केंद्र सरकार भी इसके लिए 110 करोड़ रुपये की सहायता देगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 24 नवम्बर 2005 को सरकार बनने के बाद से ही महिला सशक्तिकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई। वर्ष 2006 में पंचायतों और 2007 में नगर निकायों में 50 प्रतिशत आरक्षण देकर शुरुआत की गई। 2013 से पुलिस में और 2016 से सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण महिलाओं के लिए सुनिश्चित किया गया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2006 में विश्व बैंक से कर्ज लेकर ‘जीविका’ कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी। तब से अब तक स्वयं सहायता समूहों की संख्या बढ़कर लगभग 11 लाख हो चुकी है, जिनसे 1 करोड़ 40 लाख से अधिक महिलाएं जुड़ी हैं। वहीं, वर्ष 2024 से शहरी क्षेत्रों में भी 37 हजार समूह बनाए गए हैं, जिनसे करीब 3 लाख 85 हजार महिलाएं जुड़ चुकी हैं।
महिलाओं के रोजगार को लेकर मुख्यमंत्री ने हाल ही में शुरू की गई ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ का भी उल्लेख किया। इस योजना के तहत हर घर की एक महिला को रोजगार शुरू करने के लिए 10 हजार रुपये की राशि दी जाएगी और सफल उद्यम चलाने वाली महिलाओं को 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता मिलेगी। यह योजना सितम्बर 2025 से लागू हो रही है।
मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के अन्य महत्वपूर्ण निर्णयों का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि वृद्धजन, दिव्यांगजन और विधवा महिलाओं की पेंशन राशि 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये कर दी गई है। वर्ष 2018 में हर घर बिजली पहुँचाने के बाद अब सभी घरों को मुफ्त बिजली देने का फैसला लागू हो चुका है। वर्ष 2020 में युवाओं को 10 लाख सरकारी नौकरी और 10 लाख रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया था। अब तक 10 लाख से अधिक नौकरियाँ और 39 लाख रोजगार उपलब्ध कराए जा चुके हैं। चुनाव से पहले 50 लाख से अधिक रोजगार और नौकरी दी जाएगी। अगले 5 वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार देने का संकल्प लिया गया है।
बिहार को केंद्र सरकार से भी लगातार सहयोग मिल रहा है। जुलाई 2024 के बजट में राज्य को सड़क, उद्योग, स्वास्थ्य, पर्यटन और बाढ़ नियंत्रण के लिए विशेष आर्थिक सहायता दी गई। फरवरी 2025 के बजट में मखाना बोर्ड की स्थापना, नए एयरपोर्ट और पश्चिमी कोसी नहर जैसी योजनाओं के लिए वित्तीय मदद का ऐलान किया गया। साथ ही इस वर्ष ‘खेलो इंडिया यूथ गेम्स’ के आयोजन का जिम्मा बिहार को मिला, जो राज्य के लिए गौरव की बात है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री हाल के दिनों में कई बार बिहार आए और विकास कार्यों का उद्घाटन व शिलान्यास किया। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जीविका निधि से महिलाओं की आर्थिक गतिविधियों को नई गति मिलेगी और राज्य के समग्र विकास में उनकी भागीदारी और भी मजबूत होगी।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड से संबंधित एक वीडियो फिल्म भी प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारी, जिलाधिकारी, जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में जीविका दीदियां शामिल हुईं।