
भागलपुर: बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू), सबौर के खाद्य विज्ञान एवं फसलोत्तर प्रौद्योगिकी विभाग में आज “मिलेट्स कॉर्नर” का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. डी.आर. सिंह, भागलपुर के जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी, विभिन्न वैज्ञानिक, डीन, निदेशक और विभागाध्यक्ष मौजूद रहे।
समारोह के दौरान विभाग द्वारा विकसित मिलेट-आधारित नवीन उत्पादों का प्रदर्शन किया गया। इनमें कुकीज़, केक, कपकेक जैसे बेकरी प्रोडक्ट्स के साथ-साथ बेल, नींबू, अनानास, आम और अमरूद से बने जूस, जैम, जेली और चटनी जैसे कई नए उत्पाद शामिल थे। ये सभी प्रोडक्ट्स विभाग की अनुसंधान क्षमता, उद्यमिता को बढ़ावा देने की सोच और बाज़ार-आधारित प्रौद्योगिकी के विकास का उदाहरण हैं।
मिलेट्स कॉर्नर की स्थापना विभागाध्यक्ष डॉ. मोहम्मद वसीम सिद्दीकी के नेतृत्व में हुई, जिसका उद्देश्य छात्रों और वैज्ञानिकों द्वारा विकसित उत्पादों को एक ही मंच पर प्रस्तुत करना और किसानों व उद्यमियों को नवाचार की ओर प्रेरित करना है। इस पहल से स्थानीय स्तर पर उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा और युवाओं को खाद्य प्रसंस्करण में नए अवसर मिलेंगे।
जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने इस पहल की सराहना करते हुए सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय को अपने उत्पादों की पहुँच बढ़ाने के लिए सैंडिस कंपाउंड में आउटलेट खोलना चाहिए। उन्होंने कहा कि मिलेट्स (मोटे अनाज) का उत्पादन कम खाद और कम संसाधनों में संभव है, जिससे यह किसानों के लिए लाभकारी फसल बन सकती है। उन्होंने इसे स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद बताया और लोगों को दैनिक आहार में मिलेट्स को शामिल करने की अपील की।
कुलपति डॉ. डी.आर. सिंह ने युवाओं, किसानों और उद्यमियों को खाद्य प्रसंस्करण की आधुनिक तकनीक से जोड़ने पर बल दिया और कहा कि विश्वविद्यालय सतत आजीविका और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
डॉ. सिद्दीकी ने बताया कि मिलेट्स कॉर्नर छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए अपने उत्पाद प्रदर्शित करने का मंच बनेगा और आने वाले समय में यह पहल स्थानीय उद्यमिता और किसानों की आमदनी बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देगी।
मिलेट्स कॉर्नर का उद्घाटन न केवल विश्वविद्यालय के लिए एक अहम उपलब्धि है बल्कि यह पूरे बिहार में उद्यमिता, स्वास्थ्य और कृषि नवाचार की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।