
पटना: बच्चों और विज्ञान प्रेमियों के लिए बनाई जा रही डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम साइंस सिटी को लेकर तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं। शुक्रवार को भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने साइंस सिटी का स्थल निरीक्षण किया और अधिकारियों को निर्देश दिया कि यहां आने वाले बच्चों के लिए ऑडिटोरियम में थ्री-डी विज्ञान फिल्म दिखाने की विशेष व्यवस्था की जाए, ताकि सीखने की प्रक्रिया और अधिक रोचक और आकर्षक बन सके।
सचिव ने एट्रियम एरिया, ऑडिटोरियम, डोरमेटरी, अस्थायी प्रदर्श गैलरी समेत परिसर में चल रहे विभिन्न कार्यों का बारीकी से जायजा लिया। उन्होंने अभियंताओं और एजेंसी को स्पष्ट निर्देश दिया कि सभी प्रदर्श अधिष्ठापन कार्य के साथ-साथ फिनिशिंग कार्य भी तेजी से पूरा करें, ताकि साइंस सिटी का उद्घाटन तय समय पर किया जा सके।
20.5 एकड़ में बन रहा है विज्ञान का अद्भुत संसार
मोईन-उल-हक स्टेडियम के पास 20.5 एकड़ में फैली यह साइंस सिटी बिहार के बच्चों और युवाओं को विज्ञान की नई दुनिया से रूबरू कराएगी। यहाँ कुल 5 गैलरियों का निर्माण किया जा रहा है –
- बी ए साइंटिस्ट्स गैलरी
- बेसिक साइंस गैलरी
- सस्टेनेबल प्लैनेट गैलरी
- स्पेस एंड एस्ट्रोनॉमी गैलरी
- बॉडी एंड माइंड गैलरी
इन गैलरियों का कुल क्षेत्रफल लगभग 7725 वर्गमीटर है और इनमें 26 थीम पर आधारित 269 विज्ञान प्रदर्श लगाए जाएंगे।
आधुनिक सुविधाओं से लैस परिसर
साइंस सिटी परिसर में 500 सीटों वाला अत्याधुनिक ऑडिटोरियम, 150 छात्रों और 3 शिक्षकों के लिए डोरमेटरी का निर्माण पूरा हो चुका है। वहीं एट्रियम में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की मूर्ति, डिजिटल पैनल और म्यूरल लगाए गए हैं। बच्चों और आगंतुकों के लिए आकर्षक सेल्फी पॉइंट भी तैयार किया गया है।
निरीक्षण के दौरान विभाग के संयुक्त सचिव आशुतोष द्विवेदी, अभियंता प्रमुख, मुख्य अभियंता सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।
साइंस सिटी का उद्देश्य बच्चों में विज्ञान के प्रति रुचि जगाना, उन्हें प्रयोग और प्रदर्श के माध्यम से सीखने का अवसर देना और विज्ञान को मनोरंजन से जोड़ना है। यह न केवल बिहार बल्कि पूरे देश के लिए विज्ञान शिक्षा का एक मील का पत्थर साबित होगा।