
पटना: बिहार पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि अपराध करके भागने वाले अपराधियों की कहीं भी सुरक्षित पनाहगाह नहीं है। इस वर्ष जनवरी से 20 अगस्त तक एसटीएफ ने विशेष अभियान चलाकर दूसरे राज्यों से 64 कुख्यात और इनामी अपराधियों को दबोचकर बिहार लाया है। इसकी जानकारी एडीजी (अभियान) सह एडीजी (मुख्यालय) कुंदन कृष्णन ने शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय, सरदार पटेल भवन में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान दी।
सबसे ज्यादा 14 अपराधी दिल्ली से गिरफ्तार किए गए हैं। इसके बाद पश्चिम बंगाल से 9, उत्तर प्रदेश और गुजरात से 7-7, झारखंड से 6, हरियाणा से 5, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से 4-4, हिमाचल प्रदेश और पंजाब से 2-2, जबकि राजस्थान, गोवा, उड़ीसा, उत्तराखंड, कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर और मणिपुर से 1-1 अपराधी गिरफ्तार किए गए।
संगठित अपराध पर कड़ा प्रहार
एडीजी कृष्णन ने बताया कि नक्सली हिंसा में कमी आने के बाद एसटीएफ को संगठित अपराध और कुख्यात गिरोहों के सफाए की जिम्मेदारी दी गई है। परिणामस्वरूप इस वर्ष 23 मुठभेड़ हुई हैं, जबकि पिछले साल यह संख्या 8 थी। वर्ष 2024 में जहां 752 अपराधियों को पकड़ा गया था, वहीं 2025 में अब तक 857 अपराधियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसी तरह इस वर्ष अब तक 101 नक्सलियों को दबोचा गया है।
साल 2025 में अब तक 12,176 कारतूस, 32 रेगुलर हथियार और भारी मात्रा में अवैध असलहे बरामद किए गए हैं। यह आँकड़े इस बात का सबूत हैं कि एसटीएफ लगातार संगठित अपराध को जड़ से खत्म करने की दिशा में काम कर रही है।
इनामी अपराधी भी हत्थे चढ़े
प्रेस वार्ता में एडीजी ने बताया कि 18 अगस्त को महाराष्ट्र से 2 लाख का इनामी बुटन चौधरी, 5 अप्रैल को दिल्ली से अंतरराज्यीय सोना लुटेरा सुबोध सिंह और 2 लाख का इनामी विकास कुमार उर्फ जॉन राइट, 28 मार्च को महाराष्ट्र से एक लाख का इनामी नक्सली राजेश यादव और 8 फरवरी को दिल्ली से 50 हजार का इनामी अपराधी मनीष को गिरफ्तार किया गया।
शहीद हुए एसटीएफ के जवान
इस अभियान में कई एसटीएफ जवानों ने अपने प्राणों की आहुति भी दी। गुजरात के सूरत में ऑपरेशन के दौरान सड़क हादसे में दारोगा मुकुंद मुरारी, जेसी विकास कुमार, जेसी जीवधारी कुमार, दारोगा संतोष कुमार और मिथिलेस पासवान शहीद हो गए। उनकी शहादत ने इस लड़ाई को और भी मजबूती दी है।
एनआईए भी सक्रिय
एडीजी कृष्णन ने बताया कि अवैध हथियार और गोलियों की सप्लाई चेन की जांच एनआईए कर रही है। हाल ही में हाजीपुर समेत सात ठिकानों पर छापेमारी की गई है। अपराधियों की अवैध संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। दानापुर के विधायक रीतलाल यादव के भाई की संपत्ति जब्ती का प्रस्ताव ईओयू को भेजा गया है, जिसे आगे ईडी को भी भेजा जा सकता है।
ऑपरेशन लंगड़ा की अफवाह बेबुनियाद
एडीजी ने साफ किया कि पुलिस मुख्यालय “ऑपरेशन लंगड़ा” नामक कोई अभियान नहीं चला रहा है। अपराधियों की गिरफ्तारी के दौरान अगर पुलिस पर गोली चलाई जाती है तो जवाबी कार्रवाई की जाती है।
बिहार एसटीएफ की ये उपलब्धियाँ साफ संदेश देती हैं कि अब अपराधियों के लिए न तो बिहार सुरक्षित है और न ही कोई दूसरा राज्य।