
पटना: बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी सतत जीविकोपार्जन योजना (SJY) ने न केवल राज्य के लाखों गरीब परिवारों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है, बल्कि यह अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी सराही जा रही है। इसी क्रम में केन्या सरकार का 13 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल बिहार आया और नालंदा जिले का दौरा किया। यह दौरा इमर्शन एंड लर्निंग एक्सचेंज (ILE) कार्यक्रम के तहत हुआ, जिसका उद्देश्य गरीबी उन्मूलन में बिहार के नवाचारों को समझना और अनुभव साझा करना था।
सचिवालय में डिब्रीफिंग सत्र
प्रतिनिधिमंडल के भ्रमण के बाद पटना स्थित सचिवालय भवन में डिब्रीफिंग सत्र आयोजित हुआ।
सत्र की शुरुआत जीविका की अपर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी श्रीमती अभिलाषा कुमारी शर्मा के स्वागत संबोधन से हुई।
इसके बाद जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी श्री हिमांशु शर्मा ने सतत जीविकोपार्जन योजना की रूपरेखा प्रस्तुत की और गरीबी उन्मूलन की दिशा में हो रहे महत्वपूर्ण कार्यों की जानकारी दी।
केन्या प्रतिनिधियों की सराहना
इस अवसर पर केन्या के तवेता काउंटी के गवर्नर, श्री एंड्रयू मवादिमे ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि बिहार में इस योजना का प्रभाव गहरा और प्रेरणादायक है। उन्होंने बिहार सरकार द्वारा गरीबों के लिए एकजुट होकर किए गए प्रयासों की प्रशंसा की और कहा – “हम इस मॉडल को अपने देश में भी लागू करेंगे।”
बिहार का गौरव
ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री लोकेश कुमार सिंह ने कहा कि बिहार में इस योजना से लाखों गरीब परिवारों का जीवन बदल रहा है। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि केन्या जैसे मित्र राष्ट्र इस मॉडल को सीखने की इच्छा रखते हैं।
वहीं, बिहार सरकार के मुख्य सचिव श्री अमृत लाल मीणा ने बताया कि 2018 से शुरू हुई इस योजना से अबतक 2.1 लाख परिवार लाभान्वित हुए हैं। उन्होंने कहा – “जीविका के माध्यम से महिलाएं आज सशक्त समाज का निर्माण कर रही हैं। हाल ही में ‘जीविका निधि’ नामक सहकारी संघ का गठन भी किया गया है, जिससे महिलाओं को आर्थिक मजबूती मिली है।”
वैश्विक सहयोग की ओर कदम
इस सत्र के अंत में जीविका के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री राजेश कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि भारत और केन्या मिलकर गरीबी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में साझेदारी कर सकते हैं।
कार्यक्रम की पृष्ठभूमि
इमर्शन एंड लर्निंग एक्सचेंज (ILE) कार्यक्रम जीविका, BRAC इंटरनेशनल और बंधन कोन नगर के सहयोग से संचालित होता है। इसके माध्यम से अलग-अलग देशों और भारत के अन्य राज्यों के प्रतिनिधि बिहार में चल रही सतत जीविकोपार्जन योजना को नजदीक से देखते और सीखते हैं।
अब तक इंडोनेशिया, फिलीपींस, दक्षिण अफ्रीका, इथियोपिया और श्रीलंका जैसे देशों के प्रतिनिधि भी इस कार्यक्रम के तहत बिहार आ चुके हैं।
निष्कर्ष
बिहार का यह मॉडल साबित कर रहा है कि गरीबी उन्मूलन केवल योजनाओं से नहीं, बल्कि सामुदायिक भागीदारी और महिला सशक्तिकरण से संभव है।
केन्या प्रतिनिधिमंडल का यह दौरा न सिर्फ बिहार के लिए सम्मान की बात है बल्कि यह इस तथ्य को भी मजबूत करता है कि बिहार अब वैश्विक स्तर पर गरीबी उन्मूलन का रोल मॉडल बन चुका है।