
पटना: कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार के तत्वावधान में बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम (फिल्म निगम) द्वारा राजधानी पटना के फ्रेजर रोड स्थित बिहार ललित कला अकादमी में ‘गानों में अश्लीलता: समाधान’ विषय पर विशेष सिने संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस संवाद में कला एवं संगीत जगत की कई हस्तियों ने भाग लिया और भोजपुरी गीत-संगीत को अश्लीलता से मुक्त करने तथा स्वच्छ और समृद्ध परंपरा को आगे बढ़ाने का आह्वान किया।
भरत शर्मा व्यास ने कही कड़ी बातें
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता, अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लोकगायक भरत शर्मा व्यास ने स्पष्ट शब्दों में कहा –
“आज भोजपुरी को लोग नीची दृष्टि से देखते हैं और इसकी सबसे बड़ी वजह अश्लीलता है। 30 साल पहले भोजपुरी गीतों में अश्लीलता नहीं थी, लेकिन आज मिलियन व्यूज के लालच में गायक शब्दों को गिरा रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि इस स्थिति के लिए सिर्फ गायक ही नहीं बल्कि मंच देने वाले और सुनने वाले भी जिम्मेदार हैं। उन्होंने आह्वान किया कि अश्लील गीत गाने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए और दर्शकों को भी ऐसे गीतों को नकारना होगा।
संकल्प और समाधान पर जोर
लोकगीतों की शुद्ध परंपरा के हिमायती नंद कुमार तिवारी ने कहा कि कलाकार और लेखक दोनों को शपथ लेनी चाहिए कि वे अश्लील गीत न लिखेंगे और न गाएंगे।
फिल्म निगम की महाप्रबंधक रूबी (IAS) ने कहा कि बिहार के पास शास्त्रीय संगीत, लोकगीत और धुनों की समृद्ध परंपरा है, जिन्हें आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।
जिला जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ. अजय ने कहा – “अगर आप अच्छा गायेंगे तो आपको श्रोता, मंच और पैसा—सब मिलेगा।”
वहीं, फिल्म निगम के परामर्शी (फिल्म) अरविंद रंजन दास ने इसे बिहार के मनोरंजन जगत के माथे पर लगा “अश्लील गीतों का बदनुमा दाग” बताते हुए कहा कि इस कलंक को मिटाने के लिए मजबूत कदम उठाने होंगे।
भरत शर्मा व्यास: भोजपुरी के सम्राट
कार्यक्रम में भरत शर्मा व्यास के जीवन और योगदान पर भी प्रकाश डाला गया।
बक्सर जिले के नगपुरा गांव में 1957 में जन्मे व्यास ने 14 वर्ष की उम्र से गायन की शुरुआत की। पांच दशकों से अधिक लंबे संगीत सफर में उन्होंने हजारों गीतों को स्वर दिए। ‘गोरिया चांद के ईजोरिया’ जैसे कालजयी गीतों ने उन्हें लोकप्रियता के शिखर पर पहुँचाया।
लोकप्रियता का आलम यह है कि ओमान, मॉरीशस, नेपाल और थाईलैंड तक उनकी गायकी के प्रशंसक मौजूद हैं। उन्हें भिखारी ठाकुर सम्मान, भोजपुरी सम्राट सम्मान, भोजपुरी रतन सम्मान समेत दर्जनों राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। 2023 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार प्रदान किया।
फिल्म निगम की पहल
फिल्म निगम बिहार में फिल्म उद्योग को प्रोत्साहित करने और स्वच्छ मनोरंजन को बढ़ावा देने के लिए लगातार पहल कर रहा है। शूटिंग की अनुमति को सरल बनाने से लेकर फिल्म निर्माण पर अनुदान, छात्रवृत्ति, कार्यशालाएं, सिने संवाद, कॉफी विद फिल्म और फिल्म महोत्सव जैसी गतिविधियां इसी दिशा में प्रयास हैं।
नतीजा
यह सिने संवाद अश्लीलता के खिलाफ एक सशक्त सामाजिक अभियान की तरह रहा। सभी वक्ताओं ने एक सुर में कहा कि अगर गायक और दर्शक मिलकर ठान लें तो भोजपुरी गीत-संगीत अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा वापस पा सकता है।