
भागलपुर: गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र के तीनटंगा गांव में गंगा के बढ़ते जलस्तर ने जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। गांव का प्राथमिक विद्यालय तीनटंगा करारी पूरी तरह बाढ़ के पानी में डूब चुका है, जिससे पढ़ाई-लिखाई पूरी तरह ठप हो गई है। विद्यालय परिसर और कक्षाओं में घुटनों से ऊपर तक पानी भर जाने के कारण न तो शिक्षक विद्यालय पहुंच पा रहे हैं और न ही बच्चे।
ग्रामीणों के अनुसार, यह विद्यालय आसपास के कई टोला और बस्ती के बच्चों की शिक्षा का प्रमुख केंद्र है। यहां पढ़ने वाले सैकड़ों छात्र-छात्राएं पिछले कई दिनों से विद्यालय नहीं जा पा रहे हैं, जिससे उनकी पढ़ाई पर गंभीर असर पड़ रहा है। अभिभावकों का कहना है कि बच्चे न केवल शिक्षा से वंचित हो रहे हैं, बल्कि बाढ़ के पानी में फिसलने और डूबने का भी खतरा बढ़ गया है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे विद्यालय ही नहीं, गांव के कई घर भी जलमग्न हो चुके हैं। लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं, जबकि कुछ परिवार अस्थायी नावों और ऊंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं।
ग्रामीणों ने प्रशासन से तुरंत राहत सामग्री, सुरक्षित आश्रय और वैकल्पिक शिक्षा व्यवस्था की मांग की है। उनका कहना है कि बच्चों के लिए अस्थायी कक्षाओं की व्यवस्था कर दी जाए, ताकि उनकी पढ़ाई लंबे समय तक बाधित न हो। साथ ही, गांव में नाव और बचाव दल की संख्या बढ़ाने की भी मांग की गई है, ताकि आपात स्थिति में लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके।
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य चलाने की तैयारी की जा रही है। हालांकि, बाढ़ का पानी घटने में समय लग सकता है, जिससे गांव की स्थिति फिलहाल सामान्य होने की संभावना कम है।
तीनटंगा गांव में यह संकट न केवल शिक्षा पर चोट कर रहा है, बल्कि बच्चों के भविष्य पर भी गहरा असर डाल रहा है। ग्रामीण उम्मीद कर रहे हैं कि प्रशासन जल्द हस्तक्षेप करेगा और बच्चों को फिर से पढ़ाई के माहौल में लौटने का अवसर मिलेगा।