
भागलपुर में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस नेता प्रवीण सिंह कुशवाहा ने भारतीय जनता पार्टी और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा और आयोग की मिलीभगत से जिले के 244612 वोटरों का नाम वोटर सूची से जानबूझकर हटा दिया गया, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया के साथ एक बड़ा खिलवाड़ है।
प्रवीण सिंह ने कहा कि,
“एक साल पहले जिन वोटरों से भाजपा ने चुनाव जीता, अब उन्हीं को मृत या अयोग्य बताकर सूची से बाहर कर दिया गया है। बिना किसी मृत्यु प्रमाण पत्र के हजारों नाम काट दिए गए हैं। बाहर कमाने गए मजदूरों का नाम भी सूची से गायब कर दिया गया है, जिससे वे अब सरकारी लाभ से भी वंचित हो जाएंगे।”
उन्होंने आरोप लगाया कि यह पूरी प्रक्रिया दलित, महादलित और पिछड़ा वर्ग के वोटरों को लक्ष्य कर की गई है, जो महागठबंधन का मजबूत वोटबैंक माने जाते हैं।
प्रवीण सिंह ने कहा कि यह सिर्फ नाम काटना नहीं बल्कि “वोट की चोरी” है। अगर जल्द ही सभी वैध वोटरों के नाम वापस सूची में नहीं जोड़े गए, तो कांग्रेस और महागठबंधन मिलकर बड़ा आंदोलन करेगा।
प्रमुख बिंदु:
- 244612 वोटरों के नाम सूची से हटाए गए
- बिना प्रमाणपत्र के मृतक बताकर नाम काटे गए
- प्रवासी मजदूरों और पिछड़े तबकों को टारगेट किया गया
- कांग्रेस ने इसे ‘वोट की चोरी’ करार दिया
- आंदोलन की चेतावनी