
Bhagalpur News: बिहार सरकार द्वारा ग्रामीण महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने और उनकी आकांक्षाओं को नीति-निर्माण में शामिल करने के उद्देश्य से शुरू किया गया ‘महिला संवाद कार्यक्रम’ अब सामाजिक बदलाव का माध्यम बन चुका है। भागलपुर जिले में भी इस कार्यक्रम ने महिलाओं को अपनी बात कहने और भविष्य निर्माण में हिस्सेदारी का नया मंच दिया है।
अब तक भागलपुर जिले में 1725 स्थानों पर महिला संवाद कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं, जिनमें 3 लाख 76 हजार से अधिक महिलाओं ने भाग लिया है। साथ ही, 30,303 पुरुष प्रतिभागियों ने भी इन कार्यक्रमों में शिरकत की है। प्रत्येक दिन औसतन 30 ग्राम संगठनों में संवाद का आयोजन किया जा रहा है, जिनमें प्रतिदिन लगभग 7,000 महिलाएं शामिल हो रही हैं। अब तक 33 हजार से अधिक महिलाओं की आकांक्षाएं मोबाइल एप के माध्यम से दर्ज की जा चुकी हैं, जिन्हें संबंधित विभागों को आगे की कार्रवाई के लिए भेजा गया है।
महिलाओं की मुखर भागीदारी
गोराडीह प्रखंड के नदियामा पंचायत में सोनालिका ग्राम संगठन की सदस्य रूबी देवी ने कहा, “हमें अपनी बातें सरकार तक पहुंचाने का अच्छा अवसर मिला है। यह हमारे लिए गौरव की बात है कि राज्य विकास के लिए हमारे मंतव्यों को अहमियत दी जा रही है।”
वहीं सबौर प्रखंड की सितारा जीविका महिला ग्राम संगठन की सदस्य कौशल्या देवी ने कहा, “सरकार की योजनाओं से हमें आगे बढ़ने में मदद मिली है। बेटियों की शिक्षा और महिलाओं की तरक्की के लिए चल रही योजनाएं बेहद प्रभावशाली हैं।”
स्थानीय मांगों को मिली प्राथमिकता
शहकुंड प्रखंड के दरियापुर पंचायत में आयोजित महिला संवाद कार्यक्रम में महिलाओं ने ग्रामीण क्षेत्रों में कोल्ड स्टोरेज की स्थापना और नल-जल योजना की मरम्मत की मांग को प्रमुखता से उठाया। उनका कहना था कि गर्मियों में जल स्रोतों के सूख जाने पर नल-जल योजना जीवन रेखा बनकर सामने आई है, लेकिन नियमित आपूर्ति के लिए इसकी देखरेख जरूरी है।
सरकारी दृष्टिकोण
जीविका के जिला परियोजना प्रबंधक श्री सुनिर्मल गरेन ने बताया कि इन संवादों के माध्यम से सरकार को जमीनी स्तर की समस्याओं और आवश्यकताओं की वास्तविक जानकारी मिल रही है, जिससे योजनाओं को जनसरोकार के मुताबिक ढाला जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि इन कार्यक्रमों में प्राप्त 33 हजार से अधिक आकांक्षाओं को विभागवार वर्गीकृत कर निष्पादन की दिशा में अग्रसर किया जा रहा है।
नारी शक्ति से बदलेगा बिहार
यह संवाद कार्यक्रम केवल संवाद नहीं, बल्कि महिलाओं को सशक्त बनाने का ज़रिया बन रहा है। महिलाएं अब सिर्फ लाभार्थी नहीं, बल्कि नीति निर्माण में भागीदार बन रही हैं। राज्य सरकार का यह प्रयास न केवल महिला सशक्तिकरण, बल्कि लोक भागीदारी आधारित विकास मॉडल को साकार कर रहा है।