
Patna News: बिहार में बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि की ओर कदम बढ़ते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को महात्मा गांधी सेतु के समानांतर गंगा नदी पर बन रहे फोरलेन पुल के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने गंगा के दक्षिणी छोर से लेकर उत्तरी छोर तक निर्माणाधीन पुल और एप्रोच पथ का भी जायजा लिया।
निरीक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री ने हाजीपुर के सैफपुर स्थित पाया नम्बर-9 के समीप रुककर अधिकारियों से निर्माण की प्रगति और तकनीकी पहलुओं की जानकारी प्राप्त की। पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री मिहिर कुमार सिंह ने जानकारी दी कि यह पुल 14.5 किलोमीटर लंबा होगा और इसके दोनों ओर 8 लेन के एप्रोच पथ का भी निर्माण किया जा रहा है।
यातायात में सुधार और जनता को राहत
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि इस पुल का निर्माण कार्य यथाशीघ्र और गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूरा किया जाए ताकि महात्मा गांधी सेतु पर होने वाले अत्यधिक ट्रैफिक लोड और जाम की समस्या से आमजन को राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि इस पुल के बन जाने से उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार के बीच आवागमन अत्यंत सुगम हो जाएगा। खासतौर पर मुजफ्फरपुर, सारण और वैशाली जिलों की जनता को पटना पहुंचने में बड़ी सहूलियत मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वे स्वयं इस परियोजना की नियमित निगरानी करते रहे हैं और चाहते हैं कि यह पुल जल्द से जल्द जनता को समर्पित किया जाए।
निरीक्षण में शामिल रहे कई वरीय अधिकारी
इस निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री के साथ जल संसाधन एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ, पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि, पथ निर्माण विभाग के सचिव डॉ. संदीप कुमार आर. पुडकलकट्टी, पटना के जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एस.एम., वैशाली की जिलाधिकारी वर्षा सिंह, पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक अवकाश कुमार और वैशाली के पुलिस अधीक्षक ललित मोहन शर्मा समेत अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।
परियोजना का महत्व
- पुल की लंबाई: 14.5 किलोमीटर
- स्थान: महात्मा गांधी सेतु के समानांतर, गंगा नदी पर
- लाभार्थी जिले: पटना, वैशाली, मुजफ्फरपुर, सारण
- विशेषता: दोनों तरफ 8-लेन एप्रोच पथ, तेज और सुरक्षित यातायात सुविधा